रायपुर। छत्तीसगढ़ के संविदा स्वास्थ्यकर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर तीन दिन से आंदोलन कर रहे हैं। जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ गई है। प्रदेश के कई जिलों में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सख्त रवैया अपनाते हुए हड़ताली कर्मचारियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द काम पर वापस लौट आएं, नहीं तो नई भर्ती की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की है कि वो काम पर वापस लौट जाएं। अन्यथा उनकी जगह दूसरे लोगों को मौका दिया जाएगा। टीएस सिंहदेव ने कहा है कि काम के समय दबाव बनाकर मांगें पूरी करवाने ठीक नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने दो दिन पहले भी स्वास्थ्य कर्मियों से हड़ताल नहीं करने की अपील करते हुए कहा था कि कोरोना संक्रमण रोकने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आंदोलन की वजह से मरीज़ों के इलाज में कोई कमी हो या इनकी वजह से प्रभावित हो, ये हम बिल्कुल नहीं चाहते हैं। इसलिए मजबूरन दूसरे लोगों को मौक़ा दिया जाएगा। सिंहदेव ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को शिक्षकों से अपनी तुलना नहीं करना चाहिए। क्योंकि संविदा भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं होता है।

गौरतलब है कि एनएचएम के हड़ताली संविदा कर्मचारियों का तर्क है कि कोरोना के बीच जब शिक्षकों को नियमित कर सकते हैं तो स्वास्थ्यकर्मियों को क्यों नहीं। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्हे उनका अधिकार नहीं मिल रहा है।

गौरतलब है कि नियमितीकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। राज्य में 50 कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। कोरिया, बलरामपुर, जशपुर और बलौदाबाजार के कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया है।