रायपुर। छत्तीसगढ़ के सात जिलों में चल रहे मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान से मलेरिया के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल मलेरिया के 65.5 प्रतिशत केस कम हुए हैं। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान मलेरिया को मिटाने की एक मुहिम है।यह अभियान छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल कर रहा है। इस परियोजना के तहत 6,000 से अधिक गांवों को कवर किया गया था।

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का असर दिखाई देने लगा है। बस्तर संभाग में सितंबर 2019 की अपेक्षा सितंबर 2020 में मलेरिया के केस कम आए हैं। यहां 65.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 2019 में बस्तर संभाग के सातों जिलों में 4230 मलेरिया केस पाए गए थे। जबकि सितंबर 2020 में केवल 1458 मामले आए हैं।कोरोना संकटकाल में मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रसन्नता जताई है।

इस अभियान का पहला चरण जनवरी-फरवरी में चलाया गया था। दूसरा चरण जून-जुलाई में संचालित हुआ था। पहले दौर में करीब चौदह लाख छह हजार लोगों की मलेरिया जांच हुई थी। जिसमें से 64 हजार 646 मलेरिया रोगियों का इलाज किया गया था। जबकि दूसरे चरण में कोरोना की चुनौती के बीच स्वास्थ्य विभाग के अमले ने 23 लाख 75 हजार लोगों की मलेरिया जांच की। और 30 हजार 76 लोगों को इलाज द्वारा मलेरिया मुक्त किया।

आपको बता दें कि मलेरिया के मामलों में कांकेर में 75.2%, कोंडागांव में 73.1%, सुकमा में 71.9 %, बीजापुर में 71.3 %, नारायणपुर में 57 %, बस्तर में 54.7 % और दंतेवाड़ा में 54 % की कमी दर्ज की गई है।

कांकेर में सितंबर 2019 में 491 मलेरिया के केस थे जो कि इस साल घटकर केवल 122 रह गए है। कोंडागांव में 294 मरीजों की तुलना में 79 मरीज, सुकमा में 480 की तुलना में 135 केस, बीजापुर में 1314 की तुलना में 377 मामले, नारायणपुर में 328 मरीज थे इस साल 141 मरीज मिले। बस्तर में 594 मरीजों  की तुलना में 269 मरीजों को मलेरिया हुआ। दंतेवाड़ा में पिछले साथ 729 मामले सामने आए थे जबकि इस साल वे घटकर 335 हो गए।

छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास को मिली सफलता

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में बस्तर संभाग को मलेरिया मुक्त करने के लिए जन अभियान चलाया गया। दंतेवाड़ा में मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर को मलेरियामुक्त करने के लिए लोगों को शपथ दिलाई थी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सातों जिलों के कलेक्टरों के प्रयास रंग ला रहा है। सरकार की मंशा है कि जल्द ही बस्तर मलेरिया मुक्त हो जाए।

दक्षिण पूर्व एशिया के कुल मलेरिया मरीजों में से 77 %  भारत से

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया के कुल मामलों मे से मलेरिया के कुल 77 प्रतिशत मामले भारत से हैं। जिनमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, गोवा और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों शामिल हैं।

रंग लाई स्वास्थ्य विभाग की मेहनत

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की जांच और इलाज के साथ उन्हें भोजन भी प्रदान किया ताकि वे क्लोरोक्वीन को खाली पेट ना लें। वहीं लोगों को दवाओं का पूरा कोर्स करने के लिए प्रेरित किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया के पॉजिटिव लोगों का कार्ड बनाया गया, समय-समय पर उसका फॉलो-अप किया गया। मलेरिया मरीजों के घर के बाहर दीवार पर स्टिकर चिपकाए गए थे। हाट, बाजारों में जाकर जागरूकता करने का काम किया गया। लोगों को अपने आसपास सफाई रखने, पानी नहीं जमा होने देने की सलाह दी गई ताकि मलेरिया फैलाने वाले मादा एनाफिलीज मच्छर ना पनपने पाएं।