रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में डीआरजी के तीन जवान शहीद हो गए। सर्चिंग पर निकले सुरक्षाबलों को एंबुश लगाकर माओवादियों ने निशाना बनाया। 



दरअसल, शनिवार को सुरक्षा बल के जवान कुंदेड़ कैम्प के पास सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के तीन जवान शहीद हो गए हैं। इसके साथ ही दो जवान घायल हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार जगरगुंडा क्षेत्र के नए स्थापित कुंदेड़ कैम्प से एरिया डोमिनेशन पर पार्टी निकली थी। कैम्प से दो किमी दूर आश्रमपारा के पास सुबह आठ बजे नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। जगरगुंडा के ग्रामीणों ने बताया सुबह करीब आठ बजे गोलीबारी और बम धमाकों की आवाज गांव तक सुनाई दे रही थी।



इस घटना कि निंदा करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवानों की शहादत पर दुख जताया है। साथ ही शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। नक्सली घटना का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।





बता दें कि जगदलपुर से करीब 200 किमी दूर दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा इन तीन जिलों की सरहद पर सुकमा जिले का जगरगुंडा गांव बसा हुआ है। ये नक्सलियों की उपराजधानी के नाम से भी चर्चित है। 1980-85 के बीच माओवादी कमांडर जगन्ना सबसे पहले इस गांव में आया। उसने बंदूक के दम पर ग्रामीणों पर राज किया। फिर जगन्ना जब यहां से दूसरे एरिया में गया तो नक्सली कमांडर पापाराव ने उसकी जिम्मेदारी संभाली।