गुवाहाटी। असम के कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को हिंसा फिर भड़क उठी। यहां प्रदर्शनकारियों के दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके बाद पथराव शुरू हो गया। इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई और 38 पुलिसकर्मियों सहित कुल 45 लोग घायल हो गए। जिसके बाद पुलिस को भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

दरअसल, पिछले 6 दिसंबर से खेरोनी थाने के अंतर्गत फेलांगपी में स्थानीय आदिवासी लोग भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। ये लोग मुख्य रूप से क्षेत्र में सरकारी तौर पर तय चारागाह आरक्षित भूमि और विलेज ग्रेज़िंग रिज़र्व की ज़मीन से कथित अवैध बसावटों को हटाने की मांग कर रहे हैं। 

सोमवार को उस समय हालात बिगड़ गए, जब बेदखली की मांग को लेकर किया जा रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य और बीजेपी नेता तुलिराम रोंगहांग के डोंकामुकाम स्थित पैतृक घर में आग लगा दी और जमकर पथराव किया। खेरोनी बाजार की करीब 15 दुकानों को आग लगा दी। झड़प में एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हुए थे।

ज़िला प्रशासन ने इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लगाई थी लेकिन बावजूद इसके मंगलवार को फिर से हिंसा भड़क गई। हिंसा के दौरान कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। 

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इलाके में निषेधाज्ञा लागू है और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं वेस्ट कार्बी आंगलोंग की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं। यह बहुत दुख की बात है कि आज की अशांति में दो लोगों की जान चली गई। शांति बनाए रखने के लिए कल खेरोनी में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। हम सामान्य स्थिति बहाल करने और बातचीत के ज़रिए मुद्दों को सुलझाने के लिए सभी संबंधित लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं।'