भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने एक बार फिर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सोयाबीन की खराब हुई फसल का सर्वे, किसानों की कर्ज माफी, बढ़ते बिजली समेत कई मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से किसानों की सोयाबीन की फसल बरबाद हो गई है। लेकिन बीजेपी सरकार ने अबतक कोई सर्वे नहीं करवाया है। उन्होंने मांग की है कि बीजेपी तत्काल किसानों की फसल के नुकसान का सर्वे कराने की घोषणा करे। एक हफ्ते के भीतर बीमा कंपनी से अनुबंध करने की मांग भी की है।

उन्होंने कहा कि चार बार बीमा कंपनी का टेंडर जारी होने के बाद भी सरकार ने अबतक बीमा कम्पनी का टेंडर नहीं किया है। उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘ज्यादा कमीशन वाली कम्पनी तय नहीं हो पा रही है’। पूर्व स्पीकर ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने सरकार बनाने में बहुत इन्वेस्टमेंट किया है। इसलिए वसूली के लिए परेशान हैं।

 किसानों की कर्ज माफी हो, नहीं तो बीजेपी छोड़े गद्दी

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन की 40 फीसदी फसल में अफलन की शिकायत है। वहीं 20 से 30 प्रतिशत फसल बारिश के कारण खराब हो चुकी हैं। वहीं अन्य फसलें भी खतरे में हैं। उन्होने कहा कि पुरानी सरकार का नीतिगत निर्णय बीजेपी सरकार को जारी रखना चाहिए। किसानों की कर्जमाफी जल्द से जल्द की जाए, अगर बीजेपी किसानों का बकाया कर्ज माफ नहीं कर सकती तो गद्दी छोड़ दे।

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 सरकार के हाथ से निकल चुकीं बिजली कंपनियां

पूर्व स्पीकर का आरोप है कि प्रदेश सरकार के हाथ से बिजली कंपनियां निकल चुकी हैं। बिजली कंपनियों में काम ठीक से नहीं हो रहा है। लोगों के बिजली के बिल 100-200 रुपए आते थे। अब उनके घरों में 20 हजार-35 हजार के बिल आ रहे हैं। वहीं जिनके घर में बिजली का कनेक्शन नहीं है, उनके घरों में भी बिजली का बिल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में एक रुपए यूनिट के दर से बिजली दी जाती थी। लेकिन बीजेपी सरकार के कार्यकाल में बिजली बिल लगातार बढ़ते जा रहे हैं।