राजनांदगांव। जिले में मानसून के पहले अनाज सुरक्षित रखने का इंतजाम नहीं करने की वजह से लाखों टन धान भीग गया है। मामला अंबागढ़ चौकी धान खरीदी केंद्र का है। जहां बारिश के मौसम में भी खुले में हजारों टन धान रखी हुई थी। यह धान पिछले दिनों हुई प्रीमानसून बारिश में भीग गई है। खुले में पड़ी धान के बोरों पर को तो चबूतरे पर रखा गया और ना ही उसे ढांका गया।

समर्थन मुल्य पर सरकार ने किसानों से धान खरीदी थी। लेकिन सही समय पर धान को गोदामों पर नहीं पहुंचाया गया। जबकि हर साल जून में प्री मानसून बारिश होती ही है। लेकिन जिम्मेदार विभाग की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। यही वजह है कि अंबागढ़ चौकी धान खरीदी केंद्र में करोड़ों रुपए की धान के बारिश की भेंट चढ़ गई। यहां धान की बोरियों के उचित रखरखाव के अभाव की वजह से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। करोड़ों रुपए कीमत वाली हजारों टन धान भीग गई। समय पर परिवहन हो जाता को इतना बड़ा नुकसान बच सकता था।

बारिश में भीगी धान की बोरियां कुछ ही दिनों में अंकुरित होने लगेंगी। राजनांदगांव की अंबागढ़ चौकी खरीदी केंद्र तो मजह बानगी है, राज्य के कई जिलों में यही हाल हैं। इस साल छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 सौ प्रति क्विंटल की दर से रिकॉर्ड 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की है।