तंबाकू का सेवन सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है। धूम्रपान का असर सिर्फ शरीर पर ही बुरा असर नहीं डालता, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। धूम्रपान से शरीर में रिलीज होने वाले हार्मोन स्ट्रेस लेवल बढ़ाने का काम करते हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हर साल 8 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू के सेवन से होती है। तंबाकू के इस्तेमाल से हृदय रोग, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान करने से धमनियां कमजोर होने लगती हैं और कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक हो सकता है। कुछ अध्ययनों में पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़े हार्ट अटैक के लिए धूम्रपान को भी एक संभावित कारक बताया गया है। इसके अलावा तम्बाकू का उपयोग से कैंसर या फेफड़े की बीमारी भी हो सकती है।
ऐसे में लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने के लिए इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। तंबाकू निषेध दिवस मनाने की जरूरत कब और क्यों महसूस की गई, वहीं इस दिन का महत्व आदि के बारे में जानकर दूसरों को भी जागरूक किया जा सकता है।
कब हुई विश्व तंबाकू दिवस मनाने की शुरुआत?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 में तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया। इसका कारण था उस दौर में तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होना। अगले वर्ष यानी 1988 में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस अप्रैल माह में मनाया गया। हालांकि बाद में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मई माह में मनाया जाने लगा।
इस बार क्या है थीम?
प्रतिवर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की एक खास थीम तय की जाती है।विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम 'वी नीड फूड-नॉट टोबैको' थी, जिसका उद्देश्य तंबाकू किसानों को वैकल्पिक फसल उत्पादन के बारे में जागरूक करना है। इस वर्ष तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम Protecting Children From Tobacco Industry Interference यानी बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना है।