अमेरिकी राष्‍ट्रपति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष डॉ. टेड्रोस ऐडनम के बीच का विवाद खत्‍म होता नहीं दिखा रहा है। चीन में कोरोना वायरस के उभरने और पूरी दुनिया मे फैल जाने से उत्पन्न संकट को पहचानने और उसे छिपाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की संदिग्ध भूमिका की समीक्षा करने के बाद अमेरिका ने संगठन की वित्तीय मदद रोक दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को सालाना दी जाने वाली 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद को रोकने की घोषणा की है।



गौरतलब है कि कोरोना वायरस नवंबर में चीन कें हुबेई प्रान्त के वुहान शहर में उत्पन्न हुआ था और आज इस वायरस के संक्रमण से विश्व के सभी देश परेशान हैं।  यूएसए में कोरोना महामारी के कारण अब तक करीब 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। व्हाइट हाउस में मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि कोरोना वायरस की पहचान और प्रसार में डब्लूएचओ की संदिग्ध भूमिका की समीक्षा के बाद उन्होंने अपने प्रशासन को संगठन की वित्तीय मदद रोकने का आदेश दिया है।



 





 



इससे पहले भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ठहराव के लिए ट्रम्प और उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने डब्लूएचओ पर कोरोना महामारी के मामले में चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति ट्रम्प की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटनियो गुटेरेस ने कहा है कि डब्लूएचओ की आर्थिक मदद रोकने का यह उचित समय नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि डब्लूएचओ के सबसे बड़े मददगार होने के नाते इस संगठन को जवाबदेह बनाना भी उनका कर्तव्य है। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि चीन में महामारी फैलने के बाद चीन पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के निर्णय का विरोध करना डब्लूएचओ का सबसे खतरनाक फैसला था।