बीजिंग। चीन के बेकाबू हो चुके रॉकेट का मलबा आज यानी रविवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया है। खबर है कि चीनी रॉकेट के टुकड़े हिंद महासागर में गिर गए हैं। इसी के साथ दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली है। दुनिया को कोरोना महामारी में धकेलने वाले चीन के अंतरिक्ष में बादशाहत कायम करने की सनक की वजह से एक बेकाबू रॉकेट तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा था। यह रॉकेट धरती पर गिरकर बड़ी तबाही ला सकता था।

चीन के मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के अवशेष बीजिंग के समयानुसार सुबह 10.24 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गए और वे 72.47 डिग्री ईस्ट लौंगीच्यूड और 2.65 डिग्री नॉर्थ लैटीच्यूड में समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिर गए। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वायुमंडल में प्रवेश के दौरान ही रॉकेट के ज्यादातर अवशेष जल गए।

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दरअसल, चीन ने कुछ दिन पहले अपने Long March 5B रॉकेट को लॉन्च किया था। लॉन्चिंग तक तो सब सही था लेकिन 21 टन वजनी यह विशालकाय रॉकेट अंतरिक्ष में जाकर चीनी वैज्ञानिकों के नियंत्रण से बाहर हो गया। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि चीनी रॉकेट पृथ्‍वी पर अगर किसी आबादी वाले इलाके से टकराता है तो भारी तबाही हो सकती है।

इस रॉकेट के हिस्से से जुड़ी अन्य बुनियादी जानकारी भी ज्ञात नहीं थी क्योंकि चीनी सरकार ने इस बारे में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की थी। हालांकि, चीनी सरकार के नियंत्रण में चलने वाली मीडिया समूह ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया था कि रॉकेट का बाहरी हिस्सा एल्यूमीनियम-मिश्र धातु की पतली परत है जो आसानी से वातावरण में आने के बाद जल जाएगी और इससे लोगों को बेहद कम जोखिम उठाना पड़ेगा।

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यह पहली बार नहीं है जब चीन का कोई रॉकेट अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर वापस धरती पर गिरा है। इससे पहले भी साल 2020 के मई में जब दुनिया कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रही थी तब चीन के लॉन्‍ग मार्च 5बी रॉकेट का मुख्‍य हिस्‍सा अनियंत्रित हो गया था। राहत की बात यह थी कि यह रिहायशी इलाकों के बजाय अटलांटिक महासागर के ऊपर गिरा था। नासा ने चीनी रॉकेट के इस हादसे को बेहद खतरनाक बताया था। गिरने से पहले यह रॉकेट अमेरिका के लॉस एंजीलिस और न्‍यूयॉर्क शहर के ऊपर से गुजरा था।