भारत जैसे देशों को नहीं देना चाहिए वैक्सीन का फॉर्मूला, बिल गेट्स की ओछी टिप्पणी

परोपकार के लिए दुनियाभर में मशहूर कारोबारी बिलगेट्स ने भारत जैसे विकासशील देशों को लेकर विवादित बयान दिया है, बोले- गरीब देशों के साथ साझा नहीं करें वैक्सीन का फॉर्मूला

Publish: May 06, 2021, 09:25 AM IST

Photo Courtesy: Parade
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वॉशिंगटन। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है। भारत इस वायरस के नए स्ट्रेन से बुरी तरह जूझ रहा है। इस महामारी से मानवता को बचाने के लिए दुनियाभर की सरकारें टीकाकरण पर जोर दे रही है। इसी बीच परोपकार के लिए मशहूर माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिलगेट्स ने भारत जैसे देशों के लिए विवादित बयान दे डाला है। बिलगेट्स ने कहा है कि विकासशील और गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला नहीं देना चाहिए।

स्काई न्यूज़ ने एक इंटरव्यू के दौरान बिलगेट्स से पूछा कि, 'क्या कोरोना वायरस पर तत्काल काबू और प्रभावपूर्ण तरीके से रोकथाम करने के लिए गरीब और विकासशील देशों को वैक्सीन का फॉर्मूला देना चाहिए?' इस सवाल का उन्होंने स्पष्ट जवाब ना में दिया। बिलगेट्स ने कहा कि भले ही दुनियाभर में वैक्सीन बनाने वाली कई फैक्टरियां हैं, लेकिन सुरक्षा को लेकर लोग गंभीर हैं। वैक्सीन का फॉर्मूला ऐसे किसी गरीब और विकासशील देशों को नहीं देना चाहिए।

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इंटरव्यू के दौरान बिलगेट्स ने भारत का नाम लेते हुए कहा कि, 'अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी और भारत के किसी फैक्ट्री में बहुत फर्क होता है। वैक्सीन को हम अपने पैसों और विशेषज्ञता से बनाते हैं। वैक्सीन फॉर्मूला कोई खाने का रेसिपी नहीं है जो किसी के साथ भी साझा कर दिया जाए। यह सिर्फ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का मामला भी नहीं है। वैक्सीन को लेकर बेहद सावधानियां बरतनी पड़ती है। टेस्टिंग करनी होती है, ट्रायल करने होते हैं। विकासशील और गरीब देशों को भले ही वैक्सीन के लिए इंतज़ार करना पड़े लेकिन उन्हें वैक्सीन फॉर्मूला नहीं मिलनी चाहिए।'

इतना ही नहीं बिलगेट्स ने यह भी कहा कि यदि विकसित और अमीर देश टीकाकरण अभियान में अपने नागरिकों को प्राथमिकता दे रहे हैं तो उसमें गलत नहीं है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका और ब्रिटेन में 30 साल के लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है। उधर साउथ अफ्रीका और ब्राजील जैसे देशों में 60 साल के लोगों को भी वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। हालांकि, 3 से 4 महीनों में महामारी से प्रभावित सभी देशों को वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।' 

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बिलगेट्स का कहने का आशय यह था कि एक बार विकसित देशों के सभी नागरिकों को वैक्सीन लग जाए उसके बाद गरीब देशों को टीका उपलब्ध कराई जाएगी। बिलगेट्स के इन बयानों को लेकर दुनियाभर में उनकी आलोचनाएं की जा रही है। बता दें कि भारत में भी सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा जो बड़े स्तर पर कोविशिल्ड वैक्सीन की उत्पादन की जा रही है उसका फॉर्मूला एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दिया है। बिलगेट्स की सोच के अनुसार यदि भारत को फॉर्मूला नहीं दिया गया होता तो इतने कम समय में जो करोडों लोगों को टीका लगाया जा चुका वह संभव नहीं था। भारत को टीका के लिए विकसित देशों में टीकाकरण पूरा होने का इंतजार करना पड़ता।