लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कोरोना वायरस महामारी के गंभीर परिणामों को लेकर चेतावनी जारी की है। संगठन ने कहा है कि अगर समय रहते कोरोना पर काबू नहीं पाया गया और कोरोना संक्रमण बढ़ता रहा तो हर 16 सेकंड में एक मरे हुए बच्चे का जन्म होगा। यह चेतावनी डब्ल्यूएचओ, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और उनके सहयोगी संगठनों की ओर से जारी की गई है।
डब्ल्यूएचओ ने अपने इस रिपोर्ट में बताया है कि विश्वभर में प्रत्येक साल स्टिलबर्थ के मामले सामने आ सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक स्टिलबर्थ के ज्यादातर मामले विकासशील देशों से जुड़े हुए हैं। यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर्ट ने कहा, 'हर 16 सेकंड में कहीं कोई मां स्टिलबर्थ की पीड़ा झेलेगी। हालांकि इसे बेहतर निगरानी, प्रसव पूर्व अच्छी देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए पेशेवर चिकित्सक की सहायता से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
क्या होता है स्टिलबर्थ ?
गर्भाधान के 28 हफ्ते बाद या प्रसव के दौरान मरे हुए बच्चे को पैदा होने को स्टिलबर्थ कहा जाता है। यह अच्छी देखभाल की कमी या गर्भाधान और प्रसव के दौरान एक्सपर्ट चिकित्सा के अभाव में होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा इसका खतरा विकासशील देशों को है जिससे निपटने के लिए उन्हें बेहतर तैयारी करनी होगी। बता दें कि हाल ही में कोरोना महामारी के बीच चिकित्सा सेवा में 50 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें सुधार न होने की स्थिति में परिणाम और भयावह हो सकते हैं।
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रिपोर्ट में फिलहाल दुनियाभर में कोरोना के मामलों को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया है। इसमें कहा गया है कि इस स्थिति में यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कितने लोग इस महामारी से प्रभावित होंगे। हालांकि रिपोर्ट में यह चेतावनी जरूर दी गई है कि कोविड-19 महामारी के आंकड़े अभी और बढ़ेंगे।