कोरोना वायरस से उपजी महामारी का सबसे बुरा असर दुनिया भर के गरीबों पर पड़ा है. महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों का छोटा-मोटा रोजगार छीन लिया है. हालात ये हो गए हैं कि लाखों लोग और बच्चे भूखमरी की कगार पर खड़े हैं.

आंखों में आंसू ला देने वाला एक ऐसा मामला अफ्रीकी देश कीनिया में सामने आया है. यहां एक मां ने खाना ना होने पर अपने बच्चों के लिए पत्थर उबाले, सिर्फ इस उम्मीद से कि कुछ पकता देख बच्चों को तसल्ली मिलेगी और वे सो जाएंगे.

मां का नाम पेनिना बहाती कित्साओ है और उनके आठ बच्चे हैं. पेनिना निरक्षर हैं और उनके पति की भी मौत हो चुकी है. ऐसे में वे कपड़े धोकर अपना और अपने बच्चों का पेट पालती थीं लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद उनका काम पूरी तरह से ठप हो गया.

पेनिना के बच्चों ने जब भूख से बिलखना शुरू किया तो उनसे रहा ना गया और उन्होंने बर्तन में पत्थर उबालने शुरू कर दिए. उनकी एक पड़ोसी प्रिस्का ने इस घटना का वीडियो बनाया और मीडया को इसकी जानकारी दी.

यह खबर मीडिया में आने के बाद पूरे कीनिया से पेनिना के लिए चंदा इकट्ठा हुआ. पेनिना ने इसके लिए सबको शुक्रिया भी कहा.

पेनिना का मामला तो हमारे सामने आ गया और लोगों ने उनकी मदद भी कर दी. लेकिन एक सवाल जो हमारे सामने खड़ा है वो यह कि पूरी दुनिया में पेनिना और उनके बच्चों की तरह ना जाने कितने लोग इस लॉकडाउन में भूख से बिलख रहे होंगे, उनका क्या?