लाहौर। पाकिस्तान की अदालत ने मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंकवाद के दो मामलों में 10 साल की जेल की सजा सुनाई है। दोनों मामले आतंकवाद के लिए पैसे जुटाने, यानी टेरर फंडिंग से जुड़े हुए हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी कोर्ट ने जमात-उद-दावा के प्रमुख आतंकी हाफिज सईद को आतंकवाद से जुड़े किसी मामले में सजा सुनाई हो। इससे पहले, इसी साल फरवरी में भी पाकिस्तानी अदालत सईद को 11 साल की सजा सुना चुकी है।

बता दें कि जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद को यूनाइटेड नेशन ने भी आतंकवादी घोषित किया हुआ है और उस पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम भी घोषित है। अमेरिका भी उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर चुका है। सईद को पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, तब से उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच कैद करके रखा गया है। 

कोर्ट के अधिकारियों से न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की हुई बातचीत के मुताबिक, लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने गुरुवार को जमात-उद-दावा के चार आतंकवादियों को, जिसमें उसका प्रमुख हाफिज सईद भी शामिल है, दो अन्य मामलों में सजा सुनाई है। सईद और उसके दो करीबियों-जफर इकबाल और यहया मुजाहिद- को 10 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं, अब्दुल रहमान मक्की को छह महीने की जेल की सजा हुई है। 

बता दें कि जमात उद दावा के आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान के काउंटर टेररिज़्म डिपार्टमेंट ने कुल 41 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 24 पर फैसला सुनाया जा चुका है, जबकि बाकी मामले एटीसी कोर्ट में लंबित हैं। सईद के खिलाफ चार मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है। हाफिज सईद 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है।