वाशिंगटन। जल्द से जल्द कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने की उम्मीदों को एक और झटका लगा है। पिछले 24 घंटे में दो कंपनियों ने अपने संभावित कोरोना वैक्सीन के अंतिम स्टेज के ट्रायल रोक दिए हैं। अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी इली लिली ने 13 अक्टूबर को अपनी संभावित वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल रोक दिया। कंपनी ने यह कदम एक मरीज के बीमार पड़ने के बाद उठाया। इससे पहले जॉनसन एंड जॉनसन को भी ऐसी ही वजह से वैक्सीन के ट्रायल को रोकना पड़ा था। 

हालांकि, जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से कहा गया था कि ट्रायल बस अस्थाई तौर पर ही रोका गया है। दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार तीसरे चरण के ट्रायल में इस तरह की रुकावटें आती हैं। उनके अनुसार यह चरण किसी संभावित वैक्सीन की सुरक्षा तय करता है और इसमें वॉलंटियर की संख्या बहुत अधिक होती है।

पिछले महीने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन का भी तीसरे चरण का ट्रायल रोका गया था। हालांकि, अमेरिका को छोड़कर बाकी जगह इस ट्रायल को दोबारा शुरू कर दिया गया। 

इली लिली की रिसर्च अमेरिका, डेनमार्क और सिंगापुर में चल रही है। इसमें करीब 10 हजार लोग हिस्सा ले रहे हैं। कंपनी का कहना है कि हम बीमार हुए मरीज का अध्ययन करेंगे और इसके बाद वैक्सीन को विकसित करने के लिए सही रणनीति बनाएंगे। 

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विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की वैक्सीन लगाने से हल्का बुखार और सिर दर्द हो सकता है। उनका कहना है कि यह सब सामान्य है और कुछ ही समय में सब ठीक हो जाता है। हालांकि, ना तो इली लिली और ना ही जॉनसन एंड जॉनसन ने यह जानकारी दी है कि बीमार हुआ वॉलंटियर कितना गंभीर है।