भारत की कई प्रमुख महिला पत्रकारों और मीडिया हस्तियों को विश्व की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में नौकरियों का वादा किया गया। ये सभी वादे फर्जी निकले, महिला पत्रकारों को ऑनलाइन स्कैमर्स ने निशाना बनाया। मामले में लंबा समय बीत जाने के बाद भी स्कैमर्स की पहचान अब तक उजागर नहीं हुई है। महिला पत्रकारों से साथ हो रही ऑनलाइन धोखधड़ी की दुनिया भर में चर्चा होने के बाद भी हार्वर्ड की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हार्वर्ड जैसा प्रतिष्ठित ब्रांड अपनी शाख बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। अपने ब्रांड के नाम पर  लोगों से धोखाधड़ी से यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। बावजूद इसके इस स्कैम को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। जबकि एक पीड़ित ने इसे लेकर स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी। चेतावनी दिए जाने के बाद भी घोटाले को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।

NDTV की निधि राजदान, रोहिणी सिंह के साथ ही बीजेपी की प्रवक्ता निघत अब्बास के साथ भी इसी तरह का फ्रॉड सामने आया है। जब स्कैमर्स ने निघत के पासपोर्ट समेत अन्य व्यक्तिगत जानकारियां मांगी। इस दौरान उन्होंने इसकी पुष्टि के लिए हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रशासक से संपर्क किया तो पता चला की हार्वर्ड उन्हें जिन इमेल एड्रेस से मेल आ रहा है वह फर्जी है। इसके बाद निघत अब्बास ने प्रशासक के साथ उनके पास इस बारे में आए फोन नंबर, ईमेल, नकली हार्वर्ड दस्तावेजों के स्क्रीनशॉट और होटल बुकिंग रिकॉर्ड शेयर किए। लेकिन अब तक उन्हें हार्वर्ड की ओर से कोई कार्रवाई हुई या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं लगी है।

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अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में NDTV की पूर्व एंकर निधि राजदान का कहना है कि अपराध का शिकार होने में शर्म करने की कोई बात नहीं है। वे कहती हैं कि साइबर क्राइम से पीड़ित लोग अपनी आपबीती लोगों से साझा करें। निधि के अलावा एक और महिला पत्रकार रोहिणी सिंह को भी इसी तरह के फ्रॉड का सामना करना पड़ा है।