भोपाल। कोरोना काल में जिस सैनेटाइजर से हाथ साफ करके आप खुद को वायरस से सुरक्षित समझते रहे वही अगर नकली हो तो आपकी सेहत तो भगवान भरोसे है। कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे के बीच राजधानी भोपाल में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने का मामला सामने आय़ा है। पुलिस ने नकली सैनिटाइजर फैक्ट्री का खुलासा किया है। मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है। छापामार कार्रवाई के दौरान करीब 780 लीटर सैनेटाइजर जब्त किया है, जिसे सप्लाई करने की तैयारी थी।

आरोपी इसे लागत से करीब 10 गुना दाम में बेचते थे। 250 रुपए की लागत से बने इस सैनिटाइजर को महंगे ब्रांडेड डिब्बों के स्टिकर लगाकर करीब ढाई हजार रुपए में बेचते थे। नामी गिरामी कंपनियों के स्टिकर नकली सैनिटाइजर के डिब्बों में लगाकर बेचने का काम इतने शातिर तरीके से किया जा रहा था कि किसी को भनक तक नहीं लगती थी।

मुखबिर की सूचना पर इस मामले का खुलासा भोपाल की रातीबड़ पुलिस ने किया है। पुलिस ने मंगलवार देर रात कलखेड़ा रोड स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा तो बड़ी मात्रा में हो रहे इस फर्जीवाड़े का पता चला। पुलिस को खबर मिली थी कि स्वच्छ हरबल नाम की कंपनी में ब्रांडेड के नाम पर नकली हैंड सैनिटाइजर बनाने का गोरखधंधा हो रहा है। फैक्ट्री से कई नामी गिरामी कंपनियों के स्टिकर मिले हैं। नकली हैंड सैनिटाइजर फैक्ट्री संचालक समेत दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान अक्षय शर्मा और फाइज आलम के तौर पर हुई है।

अक्षय शर्मा स्वच्छ हरबल नाम की कंपनी का संचालन करता था, कोरोना काल में सैनिटाइजर की मांग बढ़ने पर उसने नकली माल निर्माण करके बेचना शुरु कर दिया।  अब पुलिस आरोपियों से पूछताझ में जुटी है। यह पता लगाया जा रहा है कि यह माल मध्यप्रदेश के अलावा कहां कहां सप्लाई किया जाता था।