भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल सर्दी के तीखे तेवर दिसंबर के तीसरे सप्ताह  से भी देखने को मिल रहे हैं। आमतौर पर क्रिसमस के आसपास दिसंबर आखिर में कड़ाके की ठंड होती थी, जो कि जनवरी में मकर संक्रातिं तक जारी रहती थी। इस बार उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाओं ने पहले ही असर दिखाना शुरू कर दिया। प्रदेश के दर्जनभर शहरों का पारा 5 डिग्री से कम रहा। वहीं मध्यप्रदेश के अधिकांश जिले तीव्र सर्दी की चपटे में हैं। राजधानी भोपाल, रीवा, शहडोल, नौंगाव, खजुराहो, ग्वालियर चंबल, रायसेन इलाकों में बीते 3 दिन से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। सोमवार को भोपाल का तापमान हिल स्टेशन शिमला से भी कम रहा।

राजधानी में रात का तापमान 3.4 डिग्री पर पहुंच गया। खबरों की मानें तो भोपाल और शिमला के तापमान में केवल .4 डिग्री का अंतर देखने को मिला। पचमढ़ी में जनवरी की जगह दिसंबर में ही माइनस में तापमान दर्ज किया गया। सोमवार को पचमढ़ी में -0.5 डिग्री तापमान रहा। जिसकी वजह से कई जगहों पर पानी ओर पौधों में बर्फ जम गई।

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 मौसम केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार भोपाल में 55 साल पहले सन 1966 में 11 दिसंबर को रात का तापमान 3.1 डिग्री तक गिर गया था। इस साल 2021 में दिसंबर में लगातार 3 दिनों तक तेज सर्दी का रिकॉर्ड बना है। इस समय देश भर में शीतलहर का दौर जारी है। देश के 30 शहरों में सबसे ज्यादा सर्दी वाले शहरों में मध्यप्रदेश के पांच शहर खजुराहो, नौगांव, सिवनी, उमरिया, ग्वालियर शामिल हैं। वर्तमान में मध्य प्रदेश का 80 प्रतिशत  इलाका कोल्ड वेव की चपेट में है। इस शीत लहर की वजह से ठंडी की वजह से होने वाली बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है।