ग्वालियर। मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में वोटर फर्जीवाड़े की घटनाएं सामने आई हैं। जहां इन्दौर में एक ही पते पर कई लोगों के आधार की पहचान हुई है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने मख्य निर्वाचन अधिकारी को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ग्वालियर में सरकारी स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है। इसी बीच, सरकारी शिक्षक अगले माह से बीएलओ की ट्रनिंग लेंगे। 

ट्रेनिंग के सिलसिले में शिक्षक स्कूलों में नहीं आएंगे। इससे उन शासकीय स्कूलों पर पढ़ाई का दबाव बनेगा। जहां टीचर्स की अधिक उपलब्धता नहीं है। बता दें जिले के करीब 70 फीसदी शिक्षक अगस्त से शुरू हो रहे वोटर लिस्ट सुधार प्रक्रिया में जुड़ जाएंगे। वहीं बीएलओ के रूप में अब तक 50 प्रतिशत शिक्षक काम करते थे। लेकिन, संख्या में इजाफा होने से आकड़ा अब 70 फीसदी पर पहुंच गया है। इसकी मुख्य वजह भारत निर्वाचन आयोग ने बीएलओ पद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक और संविदा कर्मचारी हटाने के निर्देष जारी किए थे। जिससे यह स्थिति बन रही है।

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हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी अजय काटियार ने कहा कि यदि शिक्षक बीएलओ बन भी जाते हैं। तब भी स्कूल बंद नहीं होंगे। वहां दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को बुलवाया जाएगा। यदि फिर भी परेशानी आई तो शासन से मार्गदर्शन लेंगे। इस समय ग्वालियर में शासकीय स्कूलों की संख्या 1468 है। जिनमें 1 लाख 9 हजार, 191 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। मुदीर की लेदर फैक्ट्री प्राइमरी स्कूल में 16 छात्र पढ़ते हैं। यहां दो शिक्षकों को बीएलओ की ट्रेनिंग के आदेश दिए गए है। इनमें शशिकांत पाराशर (दिव्यांग) और विजय लक्ष्मी दीक्षित पदस्थ है। इन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से बीएलओ ट्रेनिंग के आदेश जारी हुए हैं