मप्र में किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए बनाए गए सुविधा केन्द्र के नाम पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों मंत्री बने कमल पटेल के विभाग ने किसान सुविधा केन्द्र का नाम कमल सुविधा केन्द्र रखा है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि जनता कोरोना से जूझ रही है और कृषि मंत्री अपने नाम का प्रचार कर रहे हैं।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय ने 29 अप्रैल को एक आदेश निकाल कर संचानालय की आईटी शाखा में स्थापित कमल सुविधा केन्द्र में दो सहायकों को पदस्थ किया है। इस आदेश में कहा गया है कि किसानों के सुझावों तथा समस्याओं के निराकरण के लिए किसान का सच्चा साथी कमल सुविधा केन्द्र स्थापित किया गया है। इसके प्रभारी अधिकारी आरपी गोयल को बनाया गया है। केन्द्र के फोन नंबर 0755 2558823 पर फोन कर किसान अपनी समस्याएं बता सकेंगे।
इस आदेश पर कांग्रेस ने कहा कि प्रचार की भूख है कि मिटती नहीं, अब कृषिमंत्री के नाम का प्रचार किया जा रहा है। मप्र की जनता कोरोना से जूझ रही है और हमारे कृषिमंत्री ने महामारी और मौतों के बीच ही अपने नाम का सुविधा केन्द्र बना डाला। केवल कमल ही क्यों, पूरा नाम ही लिख देते “कमल पटेल” सुविधा केन्द्र..! “कुछ तो शर्म करो”।
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा- तो सड़क पर उतरेंगे
मप्र में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की समीक्षा तथा किसान फसल ऋण माफी योजना को बंद करने की खबरों के बीच पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने ट्वीट कर सरकार को चेताया है। यादव ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज सिंह जी जवाब दीजिये, क्या भाजपा सरकार जय किसान फसल ऋण माफी योजना बंद करने जा रही है? अगर योजना बंद की तो किसानों के साथ कांग्रेस सड़कों पर उतरकर इसका पुरजोर विरोध करेगी।