भोपाल। मध्यप्रदेश में दिवाली की रात जमकर हुई आतिशबाजी का असर मंगलवार सुबह प्रदेशभर में दिखाई दिया। जो हवा सोमवार शाम तक सामान्य और साफ थी वह रात 9 बजे के बाद अचानक जहरीली हो गई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर और सिंगरौली जैसे प्रमुख शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।

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इंदौर में सबसे खराब हवा
राज्य में सबसे अधिक प्रदूषण इंदौर में दर्ज किया गया। छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में एक्यूआई 361 तक पहुंच गया। जबकि एयरपोर्ट एरिया में यह 81 से उछलकर 318 तक पहुंच गया। रेसीडेंसी एरिया में भी एक्यूआई 96 से बढ़कर 251 तक पहुंच गया था। केवल रीजनल पार्क क्षेत्र में हवा साफ रही थी जहां एक्यूआई 66 से बढ़कर केवल 112 तक पहुंचा था।

भोपाल में 16 घंटे में 200 पॉइंट की छलांग
राजधानी भोपाल में दिवाली की शाम तक हवा की क्वालिटी मध्यम श्रेणी में थी लेकिन रात भर आतिशबाजी के बाद सुबह तक यह बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। कोहेफिजा में एक्यूआई शाम के 136 से बढ़कर रात में 287 और सुबह 336 दर्ज किया गया यानी एक्यूआई में करीब 200 अंकों का उछाल देखने को मिला। शाहपुरा में एक्यूआई 153 से बढ़कर 302 और टीटी नगर में 126 से 309 पहुंच गया था।

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ग्वालियर और सागर में भी स्थिति चिंताजनक
ग्वालियर के डीडी नगर में एक्यूआई 193 से बढ़कर 364 तक पहुंच गया यानी 171 अंकों की उछाल दर्ज की गई। महाराज बाड़ा और सिटी सेंटर दोनों क्षेत्रों में सुबह का एक्यूआई 300 के ऊपर दर्ज किया गया। सागर में भी प्रदूषण का स्तर 341 तक पहुंच गया जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है।

जबलपुर और अन्य शहरों में भी प्रदूषण में बढ़ोतरी
जबलपुर के गुप्तेश्वर क्षेत्र में एक्यूआई 103 से बढ़कर 349 तक पहुंच गया। सुहागी और मरहाताल में भी हवा खराब श्रेणी में ही थी। छोटे शहरों में भी स्थिति बदलाव देखने को मिला। देवास में एक्यूआई 115 से 165, खंडवा में 99 से 205 और कटनी में 129 से 200 तक पहुंच गया था। हालांकि, अनूपपुर, रीवा, उज्जैन और पन्ना के मॉनिटरिंग स्टेशन तकनीकी खराबी के कारण ऑफलाइन थे जिससे वहां का डेटा उपलब्ध नहीं हो सका है।

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ठंडी हवा और आतिशबाजी से छाई स्मॉग की परत
पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी. पांडे के अनुसार, रातभर हुई आतिशबाजी और ठंडी हवा ने प्रदूषक तत्वों को जमीन के करीब रोक लिया था। इन तत्वों में कार्बन, धूल के बारीक कण और जहरीली गैस शामिल हैं जो सुबह तक वातावरण में जमी रहीं थी। इसी कारण मंगलवार की सुबह कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा।

पीएम 2.5 बना मुख्य कारण
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि बढ़ते प्रदूषण का प्रमुख कारण पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 है यानी हवा में मौजूद बेहद सूक्ष्म धूल और धुएं के कण। यही कण पूरे प्रदेश के ज्यादातर शहरों में एक्यूआई बढ़ाने के लिए जिम्मेदार रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक्यूआई 200 से 500 के बीच खतरनाक श्रेणी में आता है। इस स्तर का प्रदूषण आंखों में जलन, सिरदर्द, गले में खराश, त्वचा में खुजली, सांस की दिक्कत और चक्कर आने जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। वहीं, तेज आवाज वाले पटाखों के कारण कानों में घंटी बजना, नींद में खलल और सुनने की क्षमता में कमी जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।

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