जबलपुर। मध्य प्रदेश का बहुचर्चित सीधी पेशाब कांड मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शुक्ला पर लगाए गए एनएसए को चुनौती दी है। कंचन शुक्ला की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य से जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 1 सितम्बर को होगी। 

पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला की पत्नी कंचन शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दलील दी है कि उनके पति के खिलाफ मुख्यमंत्री के आदेश पर एनएसए लगाया गया है। जबकि इसका कोई ठोस वैधानिक आधार नहीं था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की बात को रिकॉर्ड पर लेकर सरकार को जवाब देने को कहा है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता कंचन शुक्ला की ओर से वकील अनिरुद्ध मिश्रा ने पक्ष रखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पति प्रवेश शुक्ला को एनएसए के तहत जेल में बंद किया गया है। प्रवेश का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। इसलिए एनएसए की कार्रवाई वैधानिकता चुनौती के योग्य है। यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद-21 के विपरीत है। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि जिस वीडियो के वायरल होने के आधार पर प्रवेश शुक्ला पर एनएसए लगाया गया, वह तीन साल पुराना है। वीडियो के कारण किसी प्रकार के दंगे की कोई स्थिति निर्मित नहीं हुई थी। 

वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया था कि यह पब्लिक ऑर्डर के तहत की गई कार्रवाई है। सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार द्वारा भी एनएसए की कार्रवाई पर सहमति प्रदान कर दी गई है। जिसपर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा ने 1 सितम्बर तक सरकारी वकील से कार्रवाई की वैधानिकता की पूरी डिटेल देने को कहा। 

बता दें सीधी पेशाब कांड में प्रवेश शुक्ला द्वारा आदिवासी व्यक्ति के सिर पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ था। घटना ने पुरे देश में हड़कंप मचा दिया था। विपक्ष ने भी मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला था। जिसके चलते आनन-फानन में मुख्यमंत्री शिवराज ने आरोपी पर एनएसए लगा कर उसके घर पर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई की थी। इसी कार्रवाई पर कोर्ट ने अब सरकार से जवाब मांगा है। जिसकी अगली सुनवाई 1 सितम्बर को होगी।