मध्यप्रदेश के देवास जिले में दलितों पर दबंगों द्वारा हमले की खबर है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार, 3 जुलाई को जिले के रेटिया गांव में दोपहर तकरीबन 12 बजे 30 लोगों ने तलवार और कुल्हाड़ी से एक दलित परिवार पर हमला कर दिया। घटना में एक महिला समेत परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मध्यप्रदेश भीम आर्मी पुलिस पर हमलावर से मिलीभगत करने का आरोप लगा रही है। हालांकि देवास जिला पुलिस ने इसे आपसी विवाद बताया है। मामले में दोनों पक्षों का बयान दर्ज कर एफआईआर की गई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि हमलावर बीजेपी के कार्यकर्ता हैं इसलिए पुलिस उनपर करवाई नहीं कर रही है।

देवास जिले के पिपलराव थाना अंतर्गत रेटिया गांव में पुरानी जमीन को लेकर दलित और ओबीसी (गारी, गुर्जर) परिवार के बीच कोर्ट में मामला चल रहा है। इसी बीच शुक्रवार को गारी जाती के लोगों ने लालजी राम के घर पर हमला कर दिया जिसमें एक महिला और बच्चा समेत पांच लोग जख्मी हो गए। जानकारी के मुताबिक इस दौरान हमलावर बड़ी संख्या में तलवारें व कुल्हाड़ी लिए हुए थे वहीं लालजी राम का परिवार निहत्था था जिसमें लालजी राम के सर में तलवार लगी है वहीं उनकी उंगली भी कट गई है। इसके बाद पीड़ित परिवार ने खुद डायल 100 को कॉल कर बुलाया जिसके बाद उन्हें टोंक खुर्द स्थित अस्पताल से देवास स्थित शासकीय एमजी अस्पताल रेफर किया गया। 

पीड़ित अरुण रामलाल (पिता लालजी राम) ने हम समवेत को बताया कि हमलावर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए लोग हैं। उन्होंने कहा, 'हम दलित हैं इसलिए हमें हमेशा टारगेट किया जाता रहा है। हमले के दौरान हमलोग निहत्थे थे वहीं उनके पास दर्जनों तलवार व कुल्हाड़ियां थी। इस दौरान वह हमें हमारी जाति को लेकर भद्दी गालियां दे रहे थे। भगवान सिंह बीजेपी का कार्यकर्ता है और सांसद से उसकी अच्छे संबंध है। इस कारण उन्होंने उल्टे हमारे ऊपर ही मुकदमा दर्ज करवा दिया है।'

हालांकि जिला पुलिस इसे आपसी विवाद का मामला बता रही है। देवास एसपी डॉ शिवदयाल ने हम समवेत को बताया कि दोनों पक्षों के बीच हुए मारपीट में कुल 9 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, 'मामले पर दोनों पक्षों की तरफ से शिकायत की गई है जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील शब्द या गाली देने संबंधी), 323 (जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाने संबंधी) और 506 (अपराधिक धमकी देने संबंधी) के तहत मामला दर्ज किया है।' 

मध्यप्रदेश भीम आर्मी इस घटना पर जिला पुलिस पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है। भीम आर्मी के प्रदेश प्रभारी सुनील अस्तेय ने हम समवेत को बताया कि पुलिस की आरोपियों के साथ मिलीभगत है। उन्होंने कहा, 'यह घटना इस बात को साबित करती है कि प्रदेश में दलितों का अत्याचार कितना बढ़ गया है। जिला पुलिस ने दोषियों पर कारवाई करने के बजाए उल्टे पीड़ित परिवार पर मुकदमा दर्ज किया है। वहीं घायल महिला का बयान पुलिस ने एफआईआर से हटा दिया है। देवास पुलिस प्रशासन अगर जल्द मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर करवाई नहीं करेगी तो भीम आर्मी जिला प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी।' उन्होंने परिवार को उचित स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने व आरोपियों को जेल भेजने की मांग की है।