बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर श्रावण निकलने वाली बाबा की सवारी इस सावन भी निकलेगी। कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी आशीष सिंह ने कहा है कि श्रद्धालुओं को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि श्रद्धालु बाबा की सवारी को ऑनलाइन देख पाएंगे। इस बार रूट को छोटा कर बाबा की सवारी को निकाला जाएगा।

कलेक्टर ने शिवभक्तों से सहयोग मांगा 
कलेक्टर आशीष सिंह ने स्थानीय मीडिया से चर्चा में बताया कि प्रशासन ने इस दफा भी बाबा की सवारी को धूमधाम से निकालने का निर्णय लिया है। कोरोना महामारी के प्रसार के प्रभाव को कम करने के लिए श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आशीष सिंह ने कहा कि पिछले दो दिन से उज्जैन में कोरोना का एक भी पॉज़िटिव केस न आना काफी हर्ष का विषय है लेकिन इसके साथ ही हमें सावधानी भी बरतने की आवश्यकता है। ऐसे में बाबा की सवारी देखने हेतु श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जाएगी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि बाबा की सवारी के साथ साथ हमें कोरोना पर भी नियंत्रण पाना है, इसलिए इस सावन बाबा की सवारी को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए सभी उज्जैन वासी और शिव भक्तों की सहयोग की आवश्यकता है।

महाकाल के दर्शन की पुरानी व्यवस्था में भी हो सकते हैं बदलाव 
कलेक्टर आशीष सिंह ने महाकाल के दर्शन करने की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने के संकेत दिए। उज्जैन कलेक्टर ने कहा कि श्रावण महीने में प्रशासन महाकाल के दर्शनाभिलाषी श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए समय बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही श्रद्धालुओं को सेेनिटाइज करने की समयावधि को एक घंटे से कम कर 20 मिनट तक किया जा सकता है। हालांकि श्रद्धालुओं का गर्भ गृह में प्रवेश आगे भी वर्जित रहेगा।

गौरतलब है कि अभी श्रद्धालुओं के लिए महाकाल के दर्शन करने हेतु ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था है। श्रद्धालु दिन में सुबह 8 बजे से शाम के 7 बजे  के बीच तीन अलग अलग चरणों में बाबा के दर्शन कर पाते हैं।