भोपाल। मध्य प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर चार अधिकारियों का तबादला किया है। इनमें दो एसपी और दो कलेक्टर शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने ये कार्रवाई आचार संहिता लागू होने के 72 घंटे के भीतर की है।

बुधवार रात जारी आदेश में रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह चौहान को अपने पदों से हटकर उपसचिव मध्य प्रदेश बनाकर भोपाल भेज दिया गया है। भिंड एसपी मनीष खत्री और जबलपुर एसपी तुषार विद्यार्थी को भी हटा दिया गया है। दोनों आईपीएस अधिकारियों को भोपाल अटैच कर दिया गया है। अभी नए अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर आदेश जारी नहीं हुआ है। उक्त प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अधीनस्थ अधिकारियों को चार्ज दिया गया है।

इन जिलों में एसपी और कलेक्टरों की पदस्थापना को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य शासन से तीन-तीन नामों के पैनल मांगे हैं। इसके बाद नए अफसरों की पदस्थापना की जाएगी। गुरुवार शाम तक इन जिलों में कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के खिलाफ कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया था कि नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के रहते रतलाम में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है। वह बीजेपी के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। वहीं, 2011 बैच के प्रमोटी आईएएस नरेंद्र सूर्यवंशी के खिलाफ पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने शिकायत की थी।

भिंड एसपी मनीष खत्री के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद ने चुनाव आयोग से की शिकायत में कहा था कि इन्होंने भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्र में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए निरीक्षकों की पदस्थापना की। उन्होंने खत्री के रहते निष्पक्ष चुनाव हो पाने पर आशंका जताई थी। वहीं, जबलपुर एसपी तुषार विद्यार्थी के विरुद्ध भी स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने शिकायत की थी।