भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश बीजेपी में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के एक के बाद एक बड़े नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। शुक्रवार को भाजपा के पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह और पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता शंकर महतो ने कांग्रेस का दामन थामा।

राजधानी भोपाल स्थित पीसीसी मुख्यालय में पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भाजपा के दोनों कद्दावर नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह भी मौजूद रहे। कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद ध्रुव प्रताप सिंह और शंकर महतो ने राज्य से शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने की शपथ ली।

ध्रुव प्रताप सिंह ने हाल ही में भाजपा से इस्तीफा दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि बीजेपी अब अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है। ध्रुव प्रताप सिंह के इस्तीफे के बाद कटनी जिले खासकर विजयराघवगढ़ सीट पर भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है। सिंह जनसंघ के नेता हैं। साल 1980 से वो जनसंघ से जुड़े थे। बीजेपी ने सबसे पहले उन्हें कटनी के बड़वारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि वो अपना पहला चुनाव हार गए थे। इसके बाद साल 2003 में बीजेपी ने उन्हें विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र पाठक के खिलाफ मैदान में उतारा था। इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी।

वहीं, शंकर महतो बहोरीबंद विधानसभा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में शंकर महतो ने बहोरीबंद के कांग्रेस प्रत्याशी सौरभ सिंह को हराने में अहम भूमिका निभाई थी। कुछ दिन पहले शंकर महतो ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से मुलाकात की थी जिसकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी। इसके बाद से शंकर महतो के कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगने लगे थे।

शंकर महतो ने कहते हैं कि बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं की इससे ज्यादा दुर्गति उन्होंने कभी नहीं देखी। कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी से मेरी कोई नाराज़गी नहीं, लेकिन बीजेपी में बदली रीति-नीति प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के आने के बाद से चल रही है, जिससे मैं काफी उपेक्षित चल रहा हूं, जहां सीनियर नेताओं को सम्मान देने के बजाए उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है। बहरहाल, दोनों नेताओं के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अब कटनी जिले में भाजपा का सफाया तय माना जा रहा है।