भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र शर्मा ने होटलों की मनमानी को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। शर्मा ने कहा है कि सभी होटलों में चेक आउट टाइम के नाम पर ग्राहकों को लूटा जा रहा है और 24 घंटे के भीतर दो दिनों का किराया वसूला जा रहा है। शर्मा ने मांग की है कि कानून बनाकर पूरे देश के होटलों में एकरूपता लाई जाए।

केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को संबोधित पत्र में एमपी बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने लिखा कि, 'वर्तमान में देश भर में होटलों के द्वारा चेक-इन चैक आउट टाइम के नाम पर ग्राहकों को लूटा जाता है। जब कोई उपभोक्ता ऑनलाइन या ऑफलाइन होटल बुक कराता है तो उसे यह पता नहीं होता होटल का चेक आउट टाइम क्या है? उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति किसी होटल में रुकने रात कों 12.00 बजे पहुँचेगा और सुबह 10.00 बजे उस होटल का चैक आउट टाइम होगा तो अगले दिन 1 दिन का चार्ज उसे अतिरिक्त लगेगा इस प्रकार 24 घंटे में ही उसे 2 दिन का चार्ज देना पड़ता है।' 

शर्मा ने मांग करते हुए लिखा है कि, 'इस मामले में कानून बनाकर पूरे देश में एकरूपता लाई जाये एवं व्यक्ति के होटल में पहुंचने से 24 घंटे को ही 1 दिन मानकर उससे चार्ज लिया जाये। यह निर्णय कर सरकार देश के लाखों उपभोक्ताओं को होटल प्रबंधन द्वारा लुटने से बचाने का काम करेगी। उम्मीद करता हूं कि जनहित में यह नियम सरकार द्वारा अवश्य बनाया जायेगा।'

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दरअसल, होटलों में चेक इन का समय तो निश्चित नहीं होता लेकिन अधिकांश होटलों में सामान्यतः चेक आउट का समय निश्चित होता है। किराया वसूलने के लिए चेक आउट का समय निश्चित किया जाता है। यदि चेक आउट का समय सुबह के 10 बजे निश्चित किया गया है तो इसके बाद 1 घंटे रुकने पर भी ग्राहकों से एक दिन का चार्ज वसूला जाता है। यदि कोई ग्राहक चेक आउट समय से ठीक पहले चेक इन करता है तो होटल वाले दो दिन का किराया वसूलते हैं। जबकि समय से पहले चेक आउट करने पर कोई रियायत नहीं देते।