भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार सुबह सामने आए एक सामूहिक सुसाइड मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। परिवार के चार सदस्यों को एक साथ खोने वाले परिजन निराश होने के साथ ही आक्रोशित भी हैं। अंतिम संस्कार से पहले उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों के साथ चारों शवों को जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया था। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लगी रही।

चक्काजाम कर रहे लोगों की मांग थी कि एक करोड़ रुपए मुआवजा, परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मामले की CBI जांच कराई जाए। काफी समझाइश के बाद भी वे प्रदर्शन खत्म करने पर तैयार नहीं हुए। इस पर भोपाल पुलिस ने आश्वासन दिया कि केस की विस्तृत जांच की जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो CBI जांच करवाई जाएगी। विश्वकर्मा परिवार को 25 हजार रुपए की तत्काल मदद भी की गई। पांच हजार पंचायत, 10 हजार SDM और 10 हजार विधायक निधि से दिए गए। मदद और आश्वासन मिलने के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।

बता दें कि भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को जहर पिला दिया था। इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर पैतृक गांव अंबा पहुंचे। शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए चार अर्थी श्मशान घाट के लिए एक साथ रवाना हुईं, लेकिन परिजन शव लेकर हाईवे पर बैठ गए।