सांची। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त बौद्ध स्तूपों की नगरी सांची अब देश की पहली सोलर सिटी बन गयी है। बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम4 बजे इसका लोकार्पण करेंगे। सांची को देश की प्रथम सोलर सिटी के साथ जीरो कार्बन सिटी के रूप में विकसित किया गया है। इससे सलाना 7 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस प्रोजेक्ट पर खर्च की गई राशि का खर्च 5 साल में सोलर बिजली से बराबर हो जाएगी। 



सांची के गुलगांव रोड के पास नागौरी पहाड़ी पर 18 करोड़ 75 लाख की लागत से तैयार सोलर प्लांट से 3 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है। जिसको धीरे धीरे 5 मेगावाट तक बढ़ाया जाएगा। पूरे सांची शहर में लोगों ने घरों पर भी सोलर पैनल लगे हुए हैं। जिससे 25 साल तक लोगों को बिजली मिलती रहेगी। 





सांची में इस योजना को केंद्र की एनएचडीपी कंपनी ने मूर्त रूप दिया है। इस प्लांट से उत्पन्न बिजली को 132/33 केबी सब स्टेशन तक पहुंचाया गया है। जहां से सांची स्थित विद्युत वितरण कंपनी के 33/11 सब स्टेशन तक बिजली की आपूर्ति की जा रही है। लोगों को सोलर पैनल के लिए सरकार भी सब्सिडी दे रही है।  



प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग ने मध्यप्रदेश अक्षय ऊर्जा नीति-2022 के तहत सांची को सोलर सिटी बनाया है। इस नीति के तहत सभी पुरातात्विक महत्व के स्थानों को ग्रीन सिटी के रूप में बदलने की परिकल्पना की गई है। यहां पर मध्य प्रदेश शासन ने सांची शहर में इको फ्रेंडली सुविधाओं की भी शुरुआत की है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कम करके पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।