भोपाल। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सांवेर में तुलसी सिलावट के अभियान के लिए आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ ऐसा बोल गए कि अब उनके बयान ने विवाद का रूप का धारण कर लिया है। कैलाश विजयवर्गीय ने सांवेर रैली में कांग्रेस नेता कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को चुन्नू और मुन्नू की संज्ञा दे दी। विजयवर्गीय ने कहा कि इन्हीं चुन्नू मुन्नू ने प्रदेश में लूट मचा दी थी। इसलिए सिंधिया बीजेपी में आ गए। विजयवर्गीय ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों ही नेताओं की सभाओं में भीड़ नहीं होती थी।  

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कैलाश विजयवर्गीय की विवादित बयानबाज़ी के बाद नरेंद्र सलूजा ने पलटवार किया है। सलूजा ने कैलाश विजयवर्गीय को नुन्नू बताते हुए कहा है कि इन्हीं नुन्नू के चक्कर में बीजेपी पिछला चुनाव हार गई। सलूजा ने कहा कि पूरे चुनाव में नुन्नू का ध्यान केवल अपने मुन्नू को चुनाव जिताने पर था, जिस वजह से बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी। 

विजयवर्गीय का पद बड़ा लेकिन कद उतना ही छोटा 
नरेंद्र सलूजा ने विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए कहा कि कहने के लिए तो विजयवर्गीय बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं, लेकिन उनका कद बेहद ही छोटा है। आदत से मजबूर विजयवर्गीय हमेशा ही सस्ती लोकप्रियता पाने के चक्कर में अनर्गल बयानबाज़ी करते रहते हैं। सलूजा ने कहा कि 'कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं कि चुन्नू और मुन्नू की सभाओं में पिछले चुनाव में भीड़ नहीं होती थी लेकिन फिर इसी कांग्रेस और इन्हीं नेताओं ने शिवराज और बीजेपी को घर कैसे बिठा दिया ?'

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सलूजा ने कहा कि विजयवर्गीय अभी भी जाकर देख लें, एक तरफ शिवराज और बीजेपी की रैलियों में कुर्सियां खाली हैं तो वहीं कांग्रेस की रैलियों में भीड़ इतनी है कि पैर रखने तक की जगह नहीं है।

परिणाम आने पर सब पता चल जाएगा    
नरेंद्र सलूजा ने कैलाश विजयवर्गीय को पिछले चुनावों की याद दिलाते हुए कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी भी मानती है कि पिछले चुनावों में वो कैलाश विजयवर्गीय के कारण हार गई। सलूजा ने कहा कि बीजेपी ने नुन्नू को इंदौर संभाग की 37 सीटों की ज़िम्मेदारी दी थी। लेकिन यह नुन्नू महाराज अपने मुन्नू ( अपने बेटे) को चुनाव जिताने में लगे रहे। सलूजा ने कहा कि विजयवर्गीय ज़रा परिणाम आने तक रुक जाएं, फिर पता चल जाएगा कि कौन चुन्नू है, कौन मुन्नू है और कौन नुन्नू है ?