कोरोना लॉकडाउन के कारण मध्य प्रदेश के बच्चों की पढ़ाई में हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए शिक्षा विभाग नित नए प्रयास कर रहा है। अब शिक्षा विभाग ने ग्रीन जोन वाले इलाकों में शिक्षकों को छात्रों के घर जाकर नोट्स उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग आकाशवाणी, दूरदर्शन, और DIGILEP के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहा है। लेकिन सभी विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकारी स्कूलों का केवल 10 फीसदी सिलेबस ही अब तक पूरा हुआ है, इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक और पहल की है। 

जिलों में होगा नवाचार

भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि शिक्षक अपने विषय का स्टडी मटेरियल तैयार करेंगे और नोट्स बनाएंगे, फिर उनकी फोटोकॉपी करवाकर छात्रों को बांटी जाएगी, इस योजना में हर जिले की ओर से नवाचार किया जाएगा।

कॉपियां जांचने के बाद शिक्षक बनाएंगे नोट्स

दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह का कहना है कि अभी हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूल के शिक्षक बोर्ड परीक्षा की कापियां जांचने का काम कर रहे हैं, जैसे ही कॉपियों के मूल्यांकन का काम पूरा होगा, उसके बाद शिक्षक इस योजना को अमल करेंगे, इसके लिए शिक्षकों को मोटिवेट किया जा रहा है।

बनाई जा रही है 9वीं से 12वीं के छात्रों की लिस्ट

रीवा के जिला शिक्षा अधिकारी, डॉक्टर राम नरेश पटेल का कहना है कि छात्रों को घर-घर नोट्स पहुंचाने की योजना कुछ दिनों में शुरु होगी, फिलहाल विद्यार्थियों के नाम और पते की लिस्ट तैयार की जा रही है। स्कूल बंद होने की वजह से छात्रों के पते मिलने में परेशानी हो रही है। पीएल मिश्रा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, रीवा का कहना है कि ग्रीन जोन के छात्रों के लिए घर-घर नोट्स पहुंचाने की योजना में समय लगेगा फिलहाल केवल टीवी, रेडियो,DIGILEP के माध्यम से ही छात्रों की क्लास लग रही हैं।

कोरोना काल मे राह नहीं है आसान

एक तरफ तो ग्रीन जोन तेजी से ऑरेंज जोन में आ रहे हैं ऐसे में शिक्षकों का घर-घर जाना और बच्चों को स्टडी मटेरियल देने का यह प्रयास कितना सफल होगा ये तो देखने वाली बात होगी, जिन बच्चों की उपस्थिति स्कूलों में ही कम होती है, शिक्षकों के मौजूद होने पर भी उन्हे विषय समझने में दिक्कत होती है, ऐसे बच्चों के लिए शिक्षक के बनाए नोट्स कितने कारगर होंगे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।