छतरपुर। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। राज्य के शासकीय अस्पताल उपकरण और डॉक्टरों की कमी से तो जूझ ही रहे हैं। जहां डॉक्टर हैं वहां भी मरीजों को इलाज की बजाए बदसलूकी मिल रही है। छतरपुर जिला अस्पताल से ऐसा ही शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां डॉक्टर ने 77 साल के बुजुर्ग को घसीटते हुए अस्पताल से बाहर फेंक दिया।
बताया जा रहा है कि 70 वर्षीय बुर्जुग के साथ इसलिए अभद्रता की गई क्योंकि वह लम्बी लाइन में खड़ा नहीं हो पा रहा था और डॉक्टर से अपनी पत्नी के जल्द इलाज की गुहार लगा रहा था। छतरपुर जिला अस्पताल में बुजुर्ग उद्धवलाल जोशी की इसी बात पर डॉक्टर राजेश मिश्रा तमतमा गए। डॉक्टर ने बुजुर्ग को थप्पड़ मारा जिससे उनका चश्मा टूट गया। इसके बाद घसीट कर अस्पताल के बाहर फेंक दिया।
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इसका वीडियो भी सामने आया है। घटना 17 अप्रैल का बताया जा रहा है। इस मामले में सिविल सर्जन जीएल अहिरवार ने डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी थी। सिविल सर्जन जीएल अहिरवार ने कहा कि, डॉक्टर को पता नहीं था यह वृद्ध हैं...लाइन में जो लगा था पहले उसका इलाज किया जाता है। इस मामले के बाद डॉक्टर को समझा दिया गया है कि, वे दोबारा इस तरह की हरकरत न करें।
घटना को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस हमलावर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने वीडियो पोस्ट कर कहा कि 75 साल के बुजुर्ग को छतरपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और अस्पताल स्टाफ द्वारा न सिर्फ लात-घूंसे मारे गए, बल्कि बेरहमी से घसीटकर अस्पताल से बाहर फेंक दिया गया। पटवारी ने कहा कि पत्नी के इलाज के लिए आए बुजुर्ग का कसूर सिर्फ इतना था कि वे लंबी लाइन में लंबे वक्त तक खड़े नहीं हो पा रहे थे, इसीलिए पत्नी का इलाज जल्दी करने की गुहार लगा रहे थे।
उन्होंने मोहन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जो सत्ता वरिष्ठजनों का सम्मान नहीं कर सकती उसे शर्म से डूब जाना चाहिए। जो सरकार स्वास्थ्य की सुरक्षा नहीं दे सकती, उसे सत्ता से बाहर हो जाना चाहिए।