भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदौर की हाल की घटना को प्रदेश की सामाजिक समरसता पर सीधा हमला बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर भाजपा विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।

सिंह ने कहा कि एकलव्य गौड़, जो भाजपा विधायक मालिनी गौड़ एवं पूर्व मंत्री स्व. लक्ष्मण सिंह गौड़ का पुत्र है, ने शीतलामाता बाजार के व्यापारियों की बैठक में खुलेआम मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाने का फरमान जारी किया। उसके आदेश पर अब तक 200 से अधिक मुस्लिम कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं। यह संविधान और क़ानून दोनों का खुला उल्लंघन है।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की पुलिस भाजपा नेताओं के दबाव में पूरी तरह पंगु हो गई है और पीड़ितों द्वारा बार-बार दिए गए ज्ञापन पर अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। सिंह ने कहा कि इंदौर पुलिस की यह बेबसी बताती है कि कानून पर भाजपा का कब्ज़ा हो चुका है और प्रशासन केवल सत्ताधारी दल की कठपुतली बनकर रह गया है।

दिग्विजय सिंह ने 27 सितम्बर को इंदौर जाकर पीड़ित व्यापारियों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी। उन्होंने कहा कि जब वे शीतलामाता बाजार में पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें वहाँ जाने से रोक दिया। यह प्रदेश में लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन और अल्पसंख्यक समाज की आवाज़ दबाने का घृणित प्रयास है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री से तत्काल संज्ञान लेकर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196, 197, 293, 299 सहित अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने तथा दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार पीड़ितों को न्याय नहीं दिलाती तो वे स्वयं उनके साथ न्यायालय की शरण लेंगे।

सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं के संरक्षण में सांप्रदायिकता का यह जहर न केवल इंदौर, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए विनाशकारी है। संविधान की शपथ लेकर बैठे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले में निष्पक्ष और कठोर कदम उठाएं, अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा सरकार ही सांप्रदायिकता फैलाने वालों की संरक्षक है।