खजुराहो। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल खजुराहो में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक ही रिसॉर्ट में भोजन करने के बाद चार कर्मचारियों की मौत हो गई जबकि कई की हालत गंभीर बनी हुई है। सोमवार शाम करीब 5 बजे होटल गौतम में काम करने वाले कर्मचारियों ने रोज की तरह भोजन किया था। कुछ ही मिनटों में उनमें उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण दिखने लगे तो सभी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने इसे फूड पॉइजनिंग का मामला बताया है।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कुल 11 लोगों की तबीयत बिगड़ी थी। इनमें से गंभीर हालात देखते हुए कई कर्मचारियों को छतरपुर फिर ग्वालियर रेफर किया गया। ग्वालियर के रास्ते में दो लोगों ने दम तोड़ दिया और दो की मौत जेएएच अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। प्रशासन ने बताया कि मृत कर्मचारियों में प्रागीलाल कुशवाहा, गिरिजा रजक और रामस्वरूप कुशवाहा शामिल हैं। जबकि, एक पीड़ित की मौत ग्वालियर में इलाज के दौरान हुई जिसकी पहचान अभी बाकी है।

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जानकारी के अनुसार ग्वालियर में छह लोगों का इलाज चल रहा हैं। इनमें से तीन को वेंटिलेटर सपोर्ट दिया जा रहा है, दो मरीज वार्ड में भर्ती हैं और एक की हालत सामान्य बताई गई है। इधर खजुराहो निवासी प्रमोद रजक ने बताया कि ग्वालियर में भर्ती मरीजों में अभी तीन की स्थिति बेहद गंभीर है। 

लोगों का कहना है कि कर्मचारियों ने आलू-गोभी की सब्जी और रोटियां खाई थीं जिसके बाद अचानक उनकी तबियत खराब हो गई। प्रशासन ने शुरुआती जांच में फूड पॉइजनिंग की आशंका जताते हुए पूरे रिसॉर्ट को सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि रिसॉर्ट मालिक विनोद कुमार गौतम वर्तमान में बेल्जियम में रहते हैं जिसके कारण जांच में और भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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इस घटना पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जिस जिले में मंत्री कैबिनेट की बैठक में जुटे हैं, उसी जिले में गरीब कर्मचारियों की मौत हो गई लेकिन सत्ता मौन बनी हुई है। उन्होंने सरकार से तीन सवाल पूछे कि गरीबों की मौत पर चुप्पी क्यों, जिम्मेदार मंत्री सामने क्यों नहीं आ रहे और मुख्यमंत्री जवाबदेही से बच क्यों रहे हैं।