इंदौर। इंदौर के बाणगंगा पुलिस ने रविवार देर रात नकली नोट छापने वाली एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़कर 56 हजार रुपए के फर्जी नोट और प्रिंटिंग मशीन जब्त की है। हैरानी की बात यह है कि इस गैंग में दो छात्र शामिल हैं। जबकि अन्य दो आरोपी उनके रिश्तेदार हैं। ये लोग अपने घर पर ही नकली नोट छापने का काम करते थे और इंदौर में सप्लाई करते थे।
सूचना मिलने पर पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस को सूचना मिली थी कि खंडवा के रहने वाले यशराज मीणा और शुभम मीणा, अपने साथी हेमंत कुशवाह और सौरभ (हरदा निवासी) के साथ इंदौर आ रहे हैं और नकली नोट की सप्लाई करने वाले हैं। इसके बाद पुलिस ने एमआर-10 पर जाल बिछाया और घेराबंदी कर चारों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
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नकली नोटों का सौदा ऐसे चलता था
पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने पहले 10 हजार के नकली नोट 3 हजार असली रुपये में बेचे थे। इसके बाद वे दूसरी डील में 24 हजार रुपए के फर्जी नोट सप्लाई करने वाले थे, लेकिन इसी बीच पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
यूट्यूब बना ‘गुरु’
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकारा कि उन्होंने नकली नोट छापना किसी गैंग से नहीं, बल्कि यूट्यूब से सीखा है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि बाजार से कलर प्रिंटर खरीदा और खंडवा स्थित अपने घर पर ही असली जैसे दिखने वाले नोट छापने लगे। इन नोटों को वे कम कीमत पर बाजार में चलाना चाहते थे।
भजन मंडली और पढ़ाई से जुड़ा कनेक्शन
गिरफ्तार हुए युवकों में से यशराज और हेमंत भजन मंडली से जुड़े हैं, जबकि शुभम और सौरभ इंदौर के बाणगंगा इलाके में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने इंदौर के एक व्यक्ति से नकली नोट सप्लाई की डील तय की थी। जिसके बाद पुलिस ने सूचना के आधार पर कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस की अगली कार्रवाई
एडिशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा ने बताया कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के पास से प्रिंटर, कागज और नकली नोट बराम किए हैं जिसे जब्त कर लिया गया हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि फर्जी नोट पहले से बाजार में कितने चलाए जा चुके हैं और इनके तार और किन जगहों से जुड़े हैं।