ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रों ने ऑफलाइन परीक्षाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों के पुरजोर विरोध प्रदर्शन के बाद परीक्षा की तारीखें आगे बढ़ा दी गई हैं। अब परीक्षा 28 जनवरी की जगह 7 फरवरी से होंगी। गुरुवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह प्रदर्शनकारी छात्रों को समझाने पहुंचे थे। इस दौरान एक छात्र ने कहा कि उसकी तैयारी पूरी नहीं है। फिर क्या था कलेक्टर महोदय ने छात्रों की जमकर क्लास ले ली। वे कहते नजर आए कि पिता जी ने फीस भरी है तो पढ़ाई करनी चाहिए।

कलेक्टर ने MSc केमेस्ट्री के छात्र से पूछा की आप क्या करते हैं, जिसपर छात्र ने कहा कि वह पुलिस आरक्षक परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इसपर कलेक्टर ने उसे कहा की केमस्ट्री पढ़ने के बाद पुलिस में जाने का क्या फायदा। PHD करो रिसर्च में जाओ, वहीं एक LLB छात्र से के PGDCA करने पर भी कलेक्टर साहब ने क्लास ली। वहीं एक छात्र से कलेक्टर ने पूछा कि ऑफलाइन परीक्षा से आपको क्या दिक्कत है। छात्र ने जवाब दिया की उसने पढ़ाई नहीं की है। इस कलेक्टर कहते नजर आए कि आपके पिता जी कालेज की फीस भरते हैं, तो आपको पढ़ना चाहिए। परीक्षा फिर चाहे जैसे हो।

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इस दौरान छात्र नेता के हस्तक्षेप करने से कलेक्टर महोदय नाराज हो गए और उसे पुलिस के हवाले करवा दिया। विश्वविद्याल में प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलसचिव की नेमप्लेट पर कालिख पोतने की कोशिश की। इस दौरान विश्वविद्याल का चैनल गेट बंद करा दिया गया। कुछ दिनों पहले ही NSUI ने जीवाजी के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विरोध किया था। जीवाजी विश्वविद्यालय में आज से परीक्षा होने वाली थी। लेकिन अब छात्रों के प्रदर्शन और हंगामे के बाद स्थगित इन्हें 7 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है।