ग्वालियर। हत्या के मामले में दोषी करार एक अपराधी ने अपनी पत्नी को जेल में कैद रहते हुए तलाक दे दिया। ग्वालियर की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी ने अपनी पत्नी को तलाक देने का फैसला किया था। जिसकी अर्जी को हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया।

यह मध्य प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जब किसी कैदी ने अपनी पत्नी को तलाक दिया हो। अपनी पत्नी को तलाक देने वाले कैदी की यह दलील थी कि उसके कर्मों की सजा उसकी पत्नी को नहीं भुगतना चाहिए। उसके कैद में रहने से उसकी पत्नी अकेले अपना जीवन यापन नहीं कर पाएगी। इसलिए बेहतर यही होगा कि वह अपनी पत्नी को तलाक दे दे, ताकि उसकी पत्नी नई जिंदगी की शुरुआत कर सके। 

पत्नी नहीं हुई थी राज़ी 

कैदी राजेश दुबे के इस फैसले की जानकारी उसकी पत्नी को मिली, तब पत्नी राज़ी नहीं हुई। दोनों करीब ग्यारह साल से एक दूसरे के साथ रह रहे थे। इसलिए पत्नी के लिए आगे की जिंदगी में अपने पति का साथ छोड़ना मंजूर नहीं था। पति पत्नी के इस मामले की काउंसिलिंग की गई।

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काउंसलिंग के दौरान कैदी पति ने कहा कि पत्नी से जुदा होने की पीड़ा उसके लिए भी असहनीय है। लेकिन वह नहीं चाहता कि उसके कर्मों की सजा उसकी पत्नी भुगते। वह कब तक जेल में कैद रहेगा, कब वापस लौट कर घर पहुंचेगा इसका कोई ठिकाना नहीं है। पत्नी को पाई पाई और दाने दाने के लिए मोहताज होना पड़ेगा। इसलिए बेहतर यही होगा कि उसकी पत्नी अब अपने नए जीवन में प्रवेश करे। 

पत्नी की भी इस मामले में काउंसलिंग की गई। पत्नी लगातार रोती रही, लेकिन काफी समझाइश के बाद दोनों तलाक पर राज़ी हुए। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों का तलाक मंजूर कर लिया।