भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चियों, महिलाओं से अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2021 से फरवरी 2022 तक प्रदेश में 10 हजार 66 बेटियों का अपहरण हुआ है।बेटियों के खिलाफ अपराध में प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर प्रथम स्थान पर है, दूसरे स्थान पर भोपाल है। वहीं मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार में प्रदेश शीर्ष स्थान पर है।

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विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के प्रश्न के लिखित जवाब में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 2017 से 2021 यानि 5 वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 19.81% की बढ़ोत्तरी हुई, अकेले वर्ष 2021 में 32,802 मामले अलग अलग धाराओं में दर्ज किए गए। मध्यप्रदेश में महिला अपराध पर रोकथाम के लिए 52 महिला पुलिस थानों की स्थापना की गई हैं। हालांकि राज्य सरकार ऑपरेशन मुस्कान जैसे अभियान चलाती है, ताकि अपहृत लड़कियों को खोजा जा सके।

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वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में महिला सुरक्षा विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा साबित हो सकता है। सरकार के दावे अनेक हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं को मध्यप्रदेश के बेटे, बेटियों के मामा कहते हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध समाज और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है।हाल ही में घटित हुआ नेमावर आदिवासी हत्याकांड इसका ज्वलंत उदाहरण है, जिसमें एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर शवों को 10 फीट गहरे गड्ढे में दफन कर दिया गया था और न्याय के लिए पीड़ित परिवार की बेटी को न्याय यात्रा निकालनी पड़ी थी।