इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर खंडपीठ ने शासन को आदेश दिया है कि प्रदेश में जल्द से जल्द नगरीय निकाय चुनाव करवाएं जाएं। यह आदेश जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ल की युगल पीठ ने दिया है। राज्य में निकाय चुनाव में हो रही देरी के मद्देनजर पिछले साल फरवरी 2020 में पूर्व पार्षद भारत पारख ने एक जनहित याचिका लगाई थी। इस मामले में राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया था। कोर्ट में शासन ने जवाब दिया है कि वह चुनाव कराने के लिए तैयार है। आगामी 3 मार्च को वोटर लिस्ट का प्रकाशन कर दिया जाएगा।

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गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत निर्वाचन लगातार टाला जाता रहा है। हाल ही में फरवरी 2021 तक स्थगित किया गया था। निर्वाचन आयोग ने चुनाव टालने की वजह बढ़ता कोरोना संक्रमण बताया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए चुनाव करवाना फिलहाल टाला जा रहा है। इस पर विपक्षी दल कांग्रेस ने चुटकी ली थी कि बीजेपी चुनावों में अपनी हार के डर से निकाय चुनाव लगातार टाल रही है।

वहीं इन चुनावों को लेकर कांग्रेस ने मांग की है कि आगामी नगरीय चुनाव ईवीएम की जगह मतपत्रों से हों। कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें पीसीसी चीफ कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव के साइन थे।