ग्वालियर। मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी में बच्चों को अंडे दिए जाने पर हो रही सियासत से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पल्ला झाड़ लिया है। उनकी समर्थक महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी कुपोषण मिटाने के लिए बच्चों को अंडे देने के अपने निर्णय पर अडिग हैं। बीजेपी इसका विरोध करती रही है। जब इस बार में ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह विषय सरकार और उनकी कैबिनेट का है। मैं एक कार्यकर्ता हूं। पार्टी-संगठन अलग है और सत्ता का काम अलग है।

मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी इनदिनों आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा परोसने के निर्णय को लेकर विवाद में घिर गई हैं। बीजेपी के कई नेता और जैन समाज के संतों ने आंगनबाडी केंद्रों में बच्चों को अंडा खिलाने का विरोध किया है। जबकि मंत्री इमरती देवी ने कहा है  कि वे अपने दिये हुए बयान पर कायम हैं। वे अपनी इस योजना को लागू करके ही रहेंगी।

उन्होंने कहा है कि इस मामले को लेकर अगर कोई पार्टी में भी विरोध करता है तो करता रहे। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। विभाग की मंत्री मैं हूं और मैंने निर्णय कर लिया है। जरूरत पड़ने पर इसे लेकर मैं सीएम से भी बात करूंगी, लेकिन बच्चों को अंडे दिए जाएंगे। कुपोषण खत्म करने के लिए जिस चीज की जरूरत होगी वह बच्चों को परोसा जाएगा। जो बच्चे अंडे नहीं खाएंगें उन्हें फल दिए जाएंगे। गुरुवार को मीडिया से चर्चा के दौरान भी मंत्री इमारती देवी ने कहा था कि कमलनाथ सरकार थी तब भी आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडे परोसे जाने को कहा था, आज बीजेपी सरकार है तब भी कह रही हूं।

ग्वालियर यात्रा के दौरान बीजेपी कार्यालय आए ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब उनकी समर्थक मंत्री इमारती देवी और बीजेपी में जारी इस विवाद पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये सरकार और उनकी कैविनेट का मामला है। मीडिया रिपोर्ट्स केअनुसार उन्होंने कहा कि ये मामला कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच का है। मैं पार्टी कार्यालय कार्यकर्ता के रूप में आया हूं। सत्ता का सवाल आप सरकार और मंत्रियों से पूछें।