भोपाल। मध्य प्रदेश की 6800 अवैध कॉलोनियां अब वैध नहीं की जा सकेंगी। राज्य सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने वाले नियम को खत्म कर दिया है। राज्य सरकार ने यह फैसला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद किया है, जिसमें कोर्ट ने अवैध कॉलोनियों के नियमतीकरण पर रोक लगा दी थी।  

 नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 3 जून 2019 को अवैध कॉलोनियों को वैध करने वाले मध्यप्रदेश नगरपालिका कॉलोनी रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन व शर्त अधिनियम, 1998  की धारा 15 ए पर आपत्ति जताई तथा इस नियम को निरस्त करने की मांग की थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने एडवोकेट जनरल की सलाह और राय पर इस नियम को निरस्त कर दिया है। 

हालांकि ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध न करने का कोई मन बना लिया है। नगरीय प्रशासन विभाग में सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राज्य सरकार विधानसभा में अवैध कॉलोनियों को वैध करने से संबंधित एक अधिनियम लाने पर विचार कर रही है। अधिनियम न होने की वजह से ही कोर्ट ने राज्य सरकार से अवैध कॉलोनियों को वैध करने वाले नियम को समाप्त करने के लिए कहा था। लिहाज़ा अब राज्य सरकार कॉलोनियों को वैध करने के लिए अलग रास्ते ढूंढ रही है।

बता दें कि प्रदेश में 6800 अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना है। कोर्ट के आदेश से पहले 1800 कॉलोनियों से विकास शुल्क लेकर उनके नियमतीकरण का कार्य भी शुरू हो चुका था। लेकिन कोर्ट के फैसले से इन पर रोक लग गई थी।