भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अहाते बंद कराने के फैसले का असर दिखने लगा है। अहाते बंद होने के कारण राजस्व में भारी गिरावट आई है। अकेले भोपाल जिले में तय टारगेट से 172 करोड़ों रुपए कम में शराब दुकानों की नीलामी हुई है। नई आबकारी नीति को लेकर शराब ठेकेदारों में व्याप्त नाराजगी का सीधा असर राजस्व पर पड़ा है।

अहाते बंद होने के कारण तय लक्ष्य से कम में ही शराब दुकानों को नीलाम करना पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 971 करोड़ 21 लाख रुपये का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 798 करोड़ 43 लाख रुपये में ही सभी दुकानों को नीलाम करना पड़ा। 

इस बार नई आबकारी नीति में अहाते बंद किए जाने का विरोध करते हुए सभी ठेकेदारों ने दुकानें नहीं लेने का मन बना लिया था। इसके बाद ठेकेदारों ने नवीनीकरण के लिए कोई आवेदन नहीं किया और न ही लाटरी प्रक्रिया में हिस्सा लिया। फिर आबकारी विभाग ने 18 मार्च से ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू की, जो कि 31 मार्च तक चली। इस दौरान सात चरणों में 33 समूह की 87 शराब दुकानों को नीलाम किया गया है। 

नीलामी के पहले चरण में छह समूह की 17 दुकानें मुनाफे में नीलाम हुईं, लेकिन इसके बाद सभी चरणों में घाटे में ही दुकानों को नीलाम किया गया। बता दें कि 18 मार्च को शराब दुकानें नीलाम करने के लिए पहले चरण के 13 टेंडर खोले गए, जिनमें छह समूह की 17 शराब दुकानें 16 प्रतिशत मुनाफे में नीलाम हुईं। इनके लिए रिजर्व प्राइस 107 करोड़ रुपये रखा गया था, जबकि यह 113 करोड़ 43 लाख रुपये में नीलाम हुई। इसके अलावा सभी चरणों में सरकार को घाटा हुआ।