भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां शासकीय फाइलों में पूरे जिले को मृत घोषित कर दिया गया है। भिंड जिले का बाकायदा मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना दिया गया। मामला सामने आने के बाद तहसीलदार का ट्रांसफर कर दिया गया है।

दरअसल, शहर के चतुर्वेदी नगर निवासी गोविंद के पिता रामहेत का साल 2018 में निधन हो गया था। अप्रैल 2025 में जब उनके परिवार को डेथ सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ी, तो उन्होंने आवेदन किया। 5 मई 2025 को जब भिंड तहसीलदार कार्यालय से प्रमाण पत्र जारी हुआ, तो इसे देखकर आवेदक के साथ ही बाकी के दूसरे लोग चौंक गए, क्योंकि उस प्रमाण पत्र में मृतक का नाम “भिंड”, पता “भिंड” और स्थान “भिंड” दर्ज था।

इस पूरे मामले पर तहसीलदार ने अपनी गलती मानने के बजाय पलड़ा झाड़ते हुए लोक सेवा केंद्र की गलती बतानी शुरू कर दी है। इसके साथ ही लोक सेवा केंद्र के संचालक के ऊपर 25 हजार रुपये के जुर्माने का नोटिस भेज दिया। हालांकि, नोटिस जारी करने से पहले तहसीलदार साहब यह भूल गए की मृत्यु प्रमाण-पत्र पर उनके खुद के भी डिजिटल सिग्नेचर हैं।

सवाल यह है कि सिग्नेचर करने से पहले तहसीलदार साहब ने खुद कागज क्यों नहीं देखा। लापरवाही तो उनकी भी बनती है। बहरहाल, अपर कलेक्टर एलके पांडेय ने तहसीलदार माखनलाल शर्मा की गलती मानते हुए तहसीलदार को तहसील कार्यालय से हटाकर भू-अभिलेख में अटैच कर दिया है।