भोपाल। बीजेपी नेता अजय विश्नोई ने एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय का विरोध किया है। इस बार उन्होंने केंद्र  द्वारा ली गई परीक्षा के आधार पर प्रदेश में सरकारी नौकरी देने के फ़ैसले से असहमति जताई है। जबलपुर के पाटन से विधायक अजय विश्नोई ने कहा है कि केंद्र के द्वारा ली गई परीक्षा के आधार पर नौजवानों की मेरिट लिस्ट तैयार करना उचित नहीं होगा। प्रदेश को अपनी परीक्षा स्वयं आयोजित करानी चाहिए।



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनआरए  के रिजल्ट के आधार पर मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। बीजेपी नेता विश्नोई ने मुख्यमंत्री के इस फैसले पर तल्ख तेवर दिखाते हुए मुख्यमंत्री को अपने फैसले के ऊपर विचार करने की नसीहत दी है। 



पीईबी और व्यापम के माध्यम से आयोजित हो परीक्षा 



विश्नोई ने मुख्यमंत्री से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा है कि 'कृपया पुनर्विचार करें, व्यापम या पीईबी के माध्यम से प्रदेश के सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित हो उसकी मेरिट लिस्ट बने। और जिस प्रकार PSC की मेरिट लिस्ट पर अलग-अलग स्तर के नौकरियों के लिए लोग चयनित किए जाते हैं, उसी आधार पर अन्य नौकरियों के लिए आवेदकों का चयन किया जाए।'





विश्नोई ने आगे कहा है कि 'इस परीक्षा में प्रदेश से जुड़ी हुई बातों के सवाल होना चाहिए। प्रदेश की नौकरी के लिए प्रदेश को जानना जरूरी है। दूसरी बात प्रदेश के एक समान स्तर वाले नौजवानों के बीच में प्रतियोगिता उन्हें बेहतर स्थान उपलब्ध कराएगी।'



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शिक्षा व्यवस्था की भी की थी आलोचना  



बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों को बीजेपी में अधिक तवज्जो देने से ले कर राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ले कर शिवराज सरकार की आलोचना की है। बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर कहा था कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था सबसे निचले स्तर की है। ऐसे में सरकार को नई शिक्षा नीति लागू करने से पहले राज्य की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की ओर अग्रसर रहना चाहिए।   



मंत्रिमंडल में महाकौशल क्षेत्र की उपेक्षा पर जताया था विरोध 



ज़मीनी नेता अजय विश्नोई ने शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और समर्थकों की मांग पूरी करने पर भी शिवराज सिंह को आड़े हाथों लिया था। पूर्व मंत्री और महाकोशल क्षेत्र के कद्दावर नेता अजय विश्‍नोई ने ट्वीट कर सवाल किया था कि आज जब न सरकार गिरानी थी और न बनानी थी फिर सरेंडर क्‍यों किया गया? विश्‍नोई ने मुख्‍यमंत्री से सवाल किया है कि आप भाजपा को कहां ले जाना चाहते हैं? बीजेपी में जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाराज विश्‍नोई ने तीखा ट्वीट किया है।



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उन्‍होंने कहा था कि म.प्र. की वर्तमान राजनीति में इस हाथ दे-उस हाथ ले, का शानदार उदाहरण प्रस्तुत हुआ है। आज जब सरकार ना तो बनाना थी और न गिराना। फिर यह क्यों किया गया? आप भाजपा को कहां ले जाना चाहते हैं? जनता को बताए ना बताए भाजपा को यह बताना होगा। या फिर हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ाना होगा। महाकौशल क्षेत्र की उपेक्षा पर पूर्व मंत्री विधायक अजय विश्‍नोई ने तब भी विरोध जताया था। अजय विश्नोई ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि पहले मंत्रियों की संख्या और अब विभागों का बंटवारा। मुझे डर है कहीं बीजेपी का आम कार्यकर्ता हमारे नेता की इतनी बेइज्जती से नाराज ना हो जाए।