मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में किसान को 80 लाख करोड़ का बिजली बिल देने के बाद मीडिया में हुई छिछालेदार और विपक्ष के हमले के बाद बिजली विभाग ने अपनी गलती सुधार ली है। शनिवार को ज्‍यों ही मामला उछला विभाग हरकत में आया और शाम को ही किसान के पास नया संशोधित बिल भेज दिया गया। मजे की बात है कि जिस किसान को बिजली विभाग ने 80 खरब का बिल दिया था अब बिजली विभाग पर उस किसान के 68 पैसे बकाया हैं।

गौरतलब है कि शनिवार को सिंगरौली के वैधान तहसील अंतर्गत दिघी गांव के निवासी रिचकन राम तिवारी को 80 खरब रुपए का बिजली बिल दिया गया था। किसान रिचकन राम तिवारी मात्र 1 हॉर्स पॉवर उपयोग करते हैं। तिवारी पूर्व में मध्य विधायल के हेडमास्टर रह चुके हैं व अब वे अपने डेढ़ एकड़ के अपने जमीन पर खेती करते हैं जिसके लिए उन्होंने पम्पसेट लगवाए हैं ताकि फसल की सिंचाई हो सके। जब यह मामला सामने आया तब विपक्षी नेताओं ने जमकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा वहीं मीडिया व सोशल मीडिया में भी शनिवार को बिल की फ़ोटो जमकर वायरल हुई। मामले पर किरकिरी होता देख मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड हरकत में आई। विभाग ने पड़ताल की तो पाया कि उल्टे किसान का ही कंपनी पर 68 पैसे बकाया थे।

किसान रिचकन राम तिवारी ने हम समवेत को बताया कि जब उन्होंने यह बिल देखा तो उनके होश उड़ गए। अमूमन उन्हें 700 रुपए प्रतिवर्ष बिल भरने होते थे परंतु यहां तो 80 खरब रुपए देने थे। इसके बाद उन्होंने कुछ लोगों से संपर्क किया और फिर शिकायत करने विद्युत विभाग के कार्यलय गए जहां उनकी बिल में सुधार कर उन्हें दूसरी बिल दी गयी।

इस लापरवाही पर सिंगरौली विद्युत विभाग के पीआरओ बी.के मिश्रा ने बताया कि उन्हें भी सोशल मीडिया से ही यह जानकारी प्राप्त हुई थी जिसके बाद मामले की जांच की गई और संबंधित किसान को नया बिजली का बिल दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रिंटिंग में गलती होने के वजह से हुई थी।