इंदौर कोरोना संक्रमण में देश का हॉट स्‍पॉट बना हुआ है। शनिवार को जांच में 75 नए मरीज सामने आने के बाद संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3008 हो चुकी है। तीन मरीजों की मौत होने की पुष्टि के बाद मृतकों की संख्या 114 पर पहुंच चुकी है। एक हजार चार सौ बारह लोगों को संक्रमण से मुक्‍त कर अस्‍पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। ऐसी परिस्थितियों में काम कर रहे कोरोना वारियर्स स्वास्थ्यकर्मी को वेतन भी नहीं मिल रहा है। इंदौर के सिविल सर्जन बार-बार स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को पत्र लिख रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मई माह खत्‍म होने आया सरकार ने अब तक अप्रैल का वेतन नहीं दिया है।

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कोरोना वारियर्स पर फूल बरसाए गए, उनकी प्रशंसा में कई बातें कही गई लेकिन उन्‍हें उपयुक्‍त सुरक्षा उपकरण देने में सरकार चूक गई। उन्‍हें विपरित परिस्थियितों में काम करने पर अतिरिक्‍त लाभ देने की जगह सरकार तो उनका वेतन भी नहीं दे रही है। इंदौर के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. अमित चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग को फिर पत्र लिख कर स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन भुगतान की मांग की है।

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इस पत्र में उन्‍होंने लिखा है कि मई महीना भी अब समाप्ति की दहलीज़ पर है ऐसे में कार्यालय के कर्मचारियों को अब तक अप्रैल महीने का भी वेतन नहीं दिया गया है। उन्होंने 2 मई को भी स्वास्थ्य विभाग को मेल के ज़रिए इस मसले की जानकारी दी थी। जवाब न आने के बाद दोबारा 18 मई को स्वास्थ्य विभाग के अतिरक्ति संचालक वित्त को वेतन जारी करने के लिए स्‍मरण पत्र लिखा गया है।

जान संकट में डाल काम कर रहे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारी नाराज

सिविल सर्जन ने लिखा है कि एक तरफ इस समय सभी कर्मचारी आपातकालीन सेवा में लगे हुए हैं, ऐसे में वेतन समय पर न मिलने की वजह से कर्मचारियों के बीच आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। कर्मचारियों को जल्द से जल्द उनका वेतन भुगतान किया जाए।