ग्वालियर। ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके में एक दुष्कर्म पीड़िता ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली। पीड़िता ने सुसाइड नोट में अपनी व्यथा लिखी, जिसमें उसने थाटीपुर थाने में पदस्थ दो थानेदारों पर आरोपी की मदद करने का आरोप लगाया है। इसमें एक महिला थानेदार है, जो रेप केस की विवेचना कर रही थीं। जबकि जिस पुरुष थानेदार पर आरोप है, वह एफआईआर के समय थाटीपुर थाने के प्रभारी के चार्ज में थे।

दरअसल, पीड़िता दुष्कर्म के आरोपित को अग्रिम जमानत मिलने से व्यथित थी, उसने सुसाइड नोट में इसका जिक्र करते हुए लिखा है कि पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती, आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया और इस वजह से उसे अग्रिम जमानत मिल गई। मामला सामने आने के बाद ग्वालियर पुलिस की कार्रवाई कटघरे में है।

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जानकारी के मुताबिक पीड़िता ने दो महीने पहले थाटीपुर में एक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।आरोपी को पांच दिन पहले ही अग्रिम जमानत मिली है। आरोपी जमानत मिलने के बाद महिला को धमका रहा था। आरोपी को जमानत मिलने के बाद महिला डिप्रेशन में थी और बीती रात उसने जहर खा लिया। मृतका ने सुसाइड नोट में तत्कालीन थाटीपुर थाना प्रभारी आनंद जाटव व जांच अधिकारी महिला एसआई पूनम तोमर पर दुष्कर्म के आरोपी की मदद का आरोप लगाया है। 

मामले पर आरोपी एसआई आनंद कुमार ने कहा, 'सुसाइड नोट में पीड़िता ने जो आरोप लगाए हैं, वह बिलकुल गलत हैं। हमने आरोपी को पकड़ने के लिए कई बार दबिश दी। पहले तो उसका पता ही नहीं मिल रहा था। हमने कई बार दबिश दी, वह नहीं मिला। आरोपी को पकड़ने का प्रयास ही किया जा सकता है।' उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़िता ने खुद जांच में सहयोग नहीं किया था।