शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से पुलिसिया रौब का शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक गरीब मोची को पुलिस अधिकारी के बंगले जाकर जूता पॉलिश न करना तब भारी पड़ा जब कुछ पुलिसकर्मी उसे धमकाने पहुंच गए। इस दौरान मोची अपनी विवशता बताने लगा लेकिन, पुलिसवालों ने धमकाते हुए कहा कि तुम्हें दुकान चलानी है या नहीं?
जानकारी के मुताबिक शहडोल के बुढ़ार चौक के समीप सड़क किनारे छतरी लगाकर मोची कन्हैया चौधरी जूता पॉलिश व सिलाई की छोटी सी दुकान चलाते हैं। उन्हें किसी पुलिस ऑफिसर ने जूता पॉलिश करने के लिए बुलावा भेजा था। लेकिन वह नहीं गए। इसके बाद एक महिला पुलिसकर्मी और एक यातायात सिपाही उनके पास पहुंचे और धमकाने लगे।
महिला अधिकारी ने कहा कि जब साहब ने बुलाया तो क्यों नहीं गए। दुकान नहीं चलानी है क्या? मोची ने अपनी विवशता बताते हुए कहा कि साहब के घर जाकर जूता पॉलिश के बाद पैदल ही दुकान तक आना पड़ता है, इससे समय पर दुकान नहीं खोल पाते और नुकसान होता है। इतना ही नहीं साहब के घर में पहले भी जूता पॉलिश करने गए हैं तो उसका भी पैसा नहीं मिला।
इतना सुनते ही महिला पुलिस अधिकारी भड़क गई और उन्हें फटकारने लगी। इस दौरान एक यातायात सिपाही ने उन्हें कोरोना काल में दुकान नहीं हटाने का अहसान जताते हुए बातें सुनाई। कन्हैया ने स्थानीय मीडियाकर्मियों को बताया कि शुक्रवार को एक पुलिस सिपाही साहब के घर जाने बुलाने आए थे, हमने मना कर दिया था। इसलिए शनिवार को इतना सुनना पड़ा।