भोपाल। दमोह उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार की गाज पूर्व मंत्री जयंत मलैया और सिद्धार्थ मलैया पर गिरी। लेकिन अब एक एक कर के पार्टी के वरिष्ठ नेता मलैया परिवार के समर्थन में आ रहे हैं, बीजेपी आलाकमान द्वारा लिए गए निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं। पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने और सिद्धार्थ मलैया को पार्टी से निष्कासित किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। 





कुसुम महदेले ने कहा है कि कि जिस तरह से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पार्टी के प्रति निष्ठा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कुसुम महदेले ने ट्वीट किया कि 'अब भाजपा के पास वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा अवमानना करने और उनकी निष्ठा पर असत्य लांछन लगाना भी शुरू हो गया है।श्री जयन्त मलैया जी को कारण बताओ नोटिस और सिध्दार्थ की सदस्यता समाप्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है।' मेहदेले ने आगे कहा, 'मलैया जी और सिद्दार्थ पर आरोप प्रत्यारोप कतई उचित नहीं है।उपचुनाव करवाना भी उचित नही था।' 



इससे पहले मेहदेले ने दमोह उपचुनाव को लेकर की गई अजय विश्नोई की टिप्पणी का भी समर्थन किया था। विश्नोई ने कहा था कि राहुल लोधी अपनी गलतियों कि वजह से चुनाव हारे हैं। अगर वह जल्द ही बीजेपी की कार्यशैली नहीं समझते तब वे ज़्यादा दिन तक बीजेपी में बने नहीं रह पाएंगे। विश्नोई ने कहा था कि दमोह में हार के लिए टिकट देने वाले प्रभारी नेता ज़िम्मेदार हैं। 



दरअसल यह सारा विवाद दमोह उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राहुल लोधी को मिली करारी हार के बाद शुरू हुआ। राहुल लोधी को कांग्रेस के अजय टंडन ने 17 हज़ार वोटों से हरा दिया। चुनाव में मिली करारी हार का सारा ठीकरा राहुल लोधी ने मलैया परिवार पर फोड़ा। इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तो यहां तक कह डाला कि जयचंदों की वजह से बीजेपी को हार मिली है। इसके बाद बीजेपी ने जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस भेज दिया। वहीं उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया को पार्टी से निष्कासित कर दिया।