जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। उच्च न्यायालय ने पूछा कि यदि ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने का कानून बनाया गया है, तो उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है?
दरअसल, बुधवार को हुई सुनवाई में उन याचिकाओं पर चर्चा हुई, जिनमें सरकार द्वारा 13% पदों को होल्ड करने को चुनौती दी गई है। इस मुद्दे पर लगभग 300 ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों ने याचिकाएं दायर कर रखी हैं।
इस मामले में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अलग-अलग याचिकाओं को एक साथ लिंक करके सुनवाई करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय की गई है।
वहीं, इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश मैं मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू किया गया था, लेकिन ओबीसी विरोधी भाजपा सरकार ने उसे षड्यंत्रपूर्वक अप्रभावी बना दिया है। अब तो माननीय उच्च न्यायालय भी पूछ रहा है कि ओबीसी आरक्षण क्यों लागू नहीं किया जा रहा? मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव से जानना चाहता हूँ कि उनकी सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण देगी या नहीं? वह ओबीसी को उसका संवैधानिक अधिकार देगी या नहीं?'