भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। स्टांप शुल्क बढ़ाने का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया। बुधवार को सदन में 8 विधेयक पेश किए गए। भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 समेत सभी 8 विधेयक चर्चा के बाद पारित कर दिए गए।
स्टांप संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि स्टांप ड्यूटी बढ़ाने पर लोगों पर बोझ बढ़ेगा। उन्होंने इसे जनता की जेब खाली करने वाला विधेयक बताया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जो लोग स्टांप ड्यूटी भरते हैं, क्या उनसे राय ली गई है। एक तरफ कहा जाता है कि हम टैक्स नहीं बढ़ा रहे हैं, दूसरी तरफ इस तरह से शुल्क बढ़ाया जा रहा है।
सिंघार ने कहा कि सरकार कहती है कि महंगाई बढ़ रही है, इसलिए शुल्क बढ़ाना पड़ता है। महंगाई बढ़ रही है सच है, लेकिन सरकार खाने-पीने की हर चीज पर जीएसटी भी तो वसूल रही है। अचल संपत्ति के एग्रीमेंट पर 1000 से बढ़कर 5000 का शुल्क किस आधार पर किया जा रहा है। इस बारे में सरकार को विचार करना चाहिए। 5000 से 10000 का शुल्क तय किया गया है। सरकार के लोग इसके लाइसेंस के लिए 5 लाख तक वसूलते हैं।
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए विधेयक से जनता पर बोझ बढ़ेगा। जयवर्धन ने कहा कि एक तरफ उद्योगपतियों को सरकार छूट देती है और दूसरी ओर आम जनता पर स्टांप शुल्क बढ़ाकर बोझ बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन समेत किसी तरह की पेंशन में कोई वृद्धि नहीं की जा रही है लेकिन संपत्ति के लेन-देन, कानूनी दस्तावेज, स्टांप ड्यूटी बढ़ाई जा रही है। जयवर्धन ने कहा कि एफिडेविट का सबसे अधिक उपयोग किसान और आम आदमी करता है, उसकी राशि बढ़ाई जा रही है। यह जनता के हित में नहीं है।
वहीं, इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जबाव देते हुए कहा कि जो बढ़ाया है वह सोच-समझकर बढ़ाया है। एससी-एसटी और ओबीसी के लिए एफिडेविट मुफ्त है। यह संशोधन 11 साल के बाद आए हैं, जो 64 बिंदु में से 12 बिंदु में प्रभावी होंगे।